छत्तीसगढ़ में तीन साल में 10 गुना बढ़ा मक्के का रकबा | 04 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी आँकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में बीते तीन-चार सालों में मक्के का रकबा 13 हज़ार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 46 हज़ार हेक्टेयर हो गया है, जो कि 10 गुना से भी अधिक है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में बीते तीन-चार सालों में मक्के की खेती को लेकर किसानों का रुझान काफी तेज़ी से बढ़ा है। राज्य में समर्थन मूल्य पर 1870 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मक्के की खरीदी और कोंडागांव में प्रसंस्करण केंद्र शुरू होने से किसानों को बेहतर दाम मिलने लगा है, जिसके चलते मक्के के रकबे में तेज़ी से वृद्धि हुई है।
- केंद्र से अनुमति मिलने के बाद कोंडागांव मक्का प्रसंस्करण केंद्र में मक्का से स्टार्च के स्थान पर अब एथेनाल के उत्पादन के लिये प्लांट लगाए जाने की तैयारी जारी है।
- बीते रबी सीजन 2020-21 में राज्य में 93 हज़ार 200 हेक्टेयर में किसानों ने मक्के की खेती की थी, जिसका रकबा चालू रबी सीजन में बढ़कर एक लाख 46 हज़ार 130 हेक्टेयर हो गया है। एक साल के दरम्यिान मक्के के रकबे के लक्ष्य में लगभग 53,000 हेक्टेयर की रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
- गौरतलब है कि राज्य में रबी सीजन 2017-18 में मात्र 13 हज़ार 440 हेक्टेयर तथा वर्ष 2016-17 में (रबी सीजन में) मात्र 12 हज़ार हेक्टेयर में किसानों ने मक्के की खेती की थी।
- राज्य में तीन-चार साल पहले दर्जनभर ज़िले ऐसे थे, जहाँ मक्के की खेती लगभग नहीं के बराबर थी। आज की स्थिति में कोरिया ज़िले को छोड़कर शेष सभी ज़िलों में मक्के की खेती की जा रही है, जिसके चलते मक्के की खेती का रकबा 10 गुना से अधिक बढ़ गया है।
- वर्ष 2017-18 की तुलना में राज्य के बिलासपुर संभाग में इस साल मक्के की खेती का रकबा 327 गुना बढ़ा है। संभाग में पहले मात्र 60 हेक्टेयर में मक्के की खेती होती थी, जिसका रकबा आज बढ़कर 19 हज़ार 662 हेक्टेयर हो गया है।
- राज्य के कोंडागांव ज़िले में सर्वाधिक 45 हज़ार 880 हेक्टेयर में मक्के की खेती की जा रही है। यहाँ पहले 4260 हेक्टेयर में मक्का बोया जाता था। इसी प्रकार तीन-चार सालों में कांकेर ज़िले में मक्के का रकबा 4,000 हेक्टेयर से बढ़कर 28 हज़ार हेक्टेयर के पार पहुँच गया है।
- रायपुर संभाग के ज़िलों में लगभग 1470 हेक्टेयर से बढ़कर मक्के का रकबा 21 हज़ार हेक्टेयर, दुर्ग संभाग में 1470 हेक्टेयर से बढ़कर 8780 हेक्टेयर, सरगुजा संभाग में 290 हेक्टेयर से बढ़कर 10690 हेक्टेयर तथा बस्तर संभाग में मक्के की खेती का रकबा 10,000 हेक्टेयर से बढ़कर 85,800 हेक्टेयर पहुँच गया है।