बदायूँ से पुरातात्त्विक अवशेषों की प्राप्ति | 27 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) को उत्तर प्रदेश के बदायूँ ज़िले के खेड़ा जलालपुर गाँव में एक टीले से गुप्त काल के बाद के पुरातात्विक अवशेषों की प्राप्ति हुई है।
प्रमुख बिंदु
- गंगा नदी के पूर्वी तट पर स्थित खेड़ा जलालपुर गाँव के टीले से हिंदू मंदिर की मूर्तियों के टुकड़े, प्राचीन ईंट प्राप्त हुए हैं। एएसआई के अनुसार ये अवशेष गुप्तकाल के बाद के (7वीं-8वीं शताब्दी के) हैं, जिनका संबंध आज से करीब 1300-1400 वर्ष पहले के समय से है।
- प्रसिद्ध पुरातत्त्वविद डॉ. बी.आर. मणि के अनुसार बदायूँ पुरातात्त्विक दृष्टि से अत्यधिक महत्त्वपूर्ण स्थल है। यह प्राचीन पांचाल (द्रौपदी की जन्मस्थली) का हिस्सा था। दिल्ली सल्तनत के मामलूक वंश के शासन के दौरान बदायूँ सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण इक्ता थी। सुल्तान बनने से पूर्व इल्तुतमिश यहीं का इक्तादार था।
- उल्लेखनीय है कि बदायूँ अब्दुल कादिर बदायूँनी एवं शेख निज़ामुद्दीन औलिया की जन्मस्थली थी। साथ ही, यह दिल्ली-लखनौती व्यापारिक मार्ग का प्रमुख केंद्र था।