‘मध्य प्रदेश नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023’ की स्वीकृति | 23 Aug 2023
चर्चा में क्यों?
- 22 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा आत्म-समर्पण करने वाले नक्सलियों को लाभकारी रोज़गार और उद्यमशीलता के अवसरों को प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मध्य प्रदेश नक्सली आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023’ स्वीकृत की गई है।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति राज्य में उत्पन्न वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
- इस नीति का मुख्य उद्देश्य हिंसा का रास्ता त्यागकर स्वेच्छा से आत्म-समर्पण करने वालों को मुख्यधारा में शामिल करना है।
- म.प्र. नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास-सह-राहत नीति 2023 में नक्सली/नक्सलवादी एवं आत्म-समर्पणकर्त्ता को स्पष्ट एवं वृहत् रूप से परिभाषित किया गया है। आत्म-समर्पणकर्त्ता के निर्धारण के लिये निश्चित मापदंड निर्धारित किये गए हैं।
- आत्म-समर्पणकर्त्ता को लाभ देने के लिये राज्यस्तरीय जाँच समिति का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में आत्म-समर्पणकर्त्ता को लाभ देने के लिये राज्यस्तरीय जाँच समिति की अवधारणा नहीं है।)
- आत्म-समर्पण प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिये सक्षम अधिकारियों की परिधि बढ़ाई गई है, जैसे- आत्म-समर्पणकर्त्ता स्वेच्छा से किसी पुलिस अधिकारी, कार्यपालिक दंडाधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के सहायक सेनानी से अन्यून रैंक के अधिकारी (जहाँ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात है) या राज्य सरकार द्वारा नामांकित अधिकारी के समक्ष आत्म-समर्पण कर सकेगा। (पूर्व नीति में आत्म-समर्पण के लिये पुलिस अधीक्षक को माध्यम निर्धारित किया गया है।)
- नक्सली द्वारा आत्म-समर्पण किये जाने के पश्चात् की प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
- आत्म-समर्पणकर्त्ता द्वारा शस्त्रों के साथ समर्पण किये जाने पर अनुग्रह राशि का स्पष्ट वर्गीकरण किया गया है।
- आत्म-समर्पणकर्त्ता ने यदि शस्त्रों (शस्त्र चालू हालत स्थिति में हो तो) के साथ समर्पण किया है तो ऐसी स्थिति में 07 श्रेणियों में शस्त्रों का वर्गीकरण किया जाकर 20 हज़ार से 4 लाख 50 हज़ार रुपए तक अनुग्रह राशि स्वीकृत करने का प्रावधान है। (पूर्व नीति में इस विषय पर अनुग्रह राशि का स्पष्ट वर्णन नहीं है।)
- आत्म-समर्पणकर्त्ता को गृह निर्माण के लिये 1 लाख 50 हज़ार रुपए अनुदान का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में इंदिरा आवास योजना में अनुदान की राशि उपलब्ध कराना प्रावधानित है।)
- आत्म-समर्पणकर्त्ता को विवाह के लिये 50 हज़ार रुपए की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है।)
- आत्म-समर्पणकर्त्ता को बिना शर्त 5 लाख रुपए प्रोत्साहन अथवा इनाम राशि प्रदान करने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में आत्म-समर्पणकर्त्ता के नक्सल विरोधी अभियान में सहयोग के आधार पर घोषित इनाम राशि दिये जाने का प्रावधान है।)
- आत्म-समर्पणकर्त्ता को अचल संपत्ति /जमीन क्रय के लिये 20 लाख रुपए अनुदान राशि का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में अनुदान राशि प्रावधानित नहीं है, केवल गरीबी रेखा के नीचे आने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों को भू-आवंटन का प्रावधान किया गया गया है।)
- आत्म-समर्पणकर्त्ता के शिक्षण के लिये 1 लाख 50 हज़ार रुपए का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में अनुदान राशि प्रावधानित नहीं है, शासकीय योजनाओं में अस्पष्ट प्रावधान किये गए हैं।)
- आत्म-समर्पणकर्त्ता की उपयोगिता के आधार पर गोपनीय सैनिक अथवा उसके सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान में सफलता प्राप्त होने पर पुलिस विभाग में शासकीय नौकरी प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में शासकीय सेवा में नियुक्त होने की पात्रता रखने पर उसे नियुक्ति दिये जाने पर विचार किये जाने का प्रावधान है, अन्यथा उसे पात्रता अनुसार होमगार्ड के रूप में नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है।)
- नक्सल पीड़ित परिवार एवं शारीरिक अक्षमता के संबंध में स्पष्ट एवं बृहद् उल्लेख है।
- हिंसा में व्यक्ति/सुरक्षाकर्मी की मृत्यु होने की स्थिति में अनुग्रह राशि में वृद्धि की गई है। आम नागरिक को 15 लाख रुपए एवं सुरक्षाकर्मी को 20 लाख रुपए प्रावधानित हैं। (पूर्व नीति में आम व्यक्ति को 1 लाख रुपए एवं सुरक्षाकर्मी को 2 लाख रुपए प्रदान किये जाने का प्रावधान है।)
- नक्सल हिंसा में व्यक्ति/सुरक्षाकर्मी के शारीरिक अक्षम हो जाने पर 4 लाख रुपए अनुग्रह राशि प्रदान किये जाने का प्रावधान है। (पूर्व नीति में स्थायी असमर्थ को 50 हज़ार एवं गंभीर घायल को 10 हज़ार रुपए प्रदान किये जाने का प्रावधान है।)
- मृतक के आश्रित को शासकीय सेवा में लिये जाने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में यदि मृतक का कोई सदस्य शासकीय सेवा में न हो तथा पात्रता रखने पर नियुक्ति पर विचार किये जाने का प्रावधान है।)
- अचल संपत्ति को क्षति होने की स्थिति में राहत राशि का प्रावधान किया गया है, जैसे- पूरा मकान ध्वस्त होने पर 1 एक 50 हज़ार रुपए तथा आंशिक क्षति होने पर क्षति अनुसार अधिकतम 50 हज़ार रुपए का भुगतान किया जाएगा। (पूर्व नीति में क्षति होने पर कच्चे मकान हेतु 5 हज़ार रुपए एवं पक्के मकान के लिये 15 हज़ार रुपए क्षतिपूर्ति का प्रावधान है।) नक्सलियों के पुनर्वास के लिये समय-सीमा एवं प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लेख किया गया है