उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने डाटा सेंटर नीति के तहत चार निवेश प्रस्तावों को दी मंज़ूरी | 29 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में डाटा स्टोरेज को स्थानीयकृत करने हेतु ‘उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर पॉलिसी-2021’ के तहत डाटा पार्कों की स्थापना के लिये प्रोत्साहन के संबंध में चार निवेश प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- कैबिनेट के इस फैसले से राज्य को डाटा स्टोरेज में ‘आत्मनिर्भर’ बनने की दिशा में बढ़ावा मिलने के साथ ही उत्तर प्रदेश में डाटा सेंटर पार्कों के विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस कदम से राज्य में कई लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा।
- डाटा सेंटरों के महत्त्व को देखते हुए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में ‘डाटा सेंटर पॉलिसी-2021’ तैयार की थी। नीति के तहत विभिन्न वित्तीय और अन्य प्रोत्साहन दिये गए हैं।
- हाल ही में राज्य में आयोजित ग्राउंडब्रेकिंग समारोह में 80,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों में से लगभग 20,000 करोड़ रुपए डाटा केंद्रों की स्थापना के लिये थे।
- राज्य में 15,950 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से चार डाटा सेंटर पार्कों की स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन है। इनमें से हीरानंदानी ग्रुप की एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 9134.90 करोड़ रुपए, एनटीटी ग्लोबल सेंटर्स और जापान की क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 1,687 करोड़ रुपए तथा अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा 2,414 करोड़ रुपए और 2713 करोड़ रुपए की दो परियोजनाएँ शामिल हैं।
- गौरतलब है कि आईटी सेक्टर में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्रों को ‘इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन’ घोषित किया है। नतीजतन, चीन, ताइवान और कोरिया की कई प्रतिष्ठित कंपनियाँ अपनी इकाइयाँ स्थापित करने के लिये आगे आई हैं।