बिहार
बिहार अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली 2023 को मंजूरी
- 06 Jul 2023
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चर्चा में क्यों?
4 जुलाई, 2023 को बिहार मंत्रिपरिषद की बैठक में बिहार अधिनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली 2023 को मंजूरी प्रदान की गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस नीति के तहत बिहार में काम करने वाली चिटफंड कंपनियों की जाँच और उन पर कार्रवाई करने का अधिकार राज्य सरकार को मिल गया है।
- राज्य की आम जनता और जमाकर्त्ताओं से अवैध जमा योजनाओं के माध्यम से धन जमा कराने पर ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई करने के लिये राज्य सरकार ही सक्षम प्राधिकार बन गई है।
- कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य, सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि कैबिनेट द्वारा स्वीकृत पाबंदी नियमावली 2023 के प्रावधान में जो लोग जमा स्कीम चलाते हैं, वह इसके अधीन हो जाएंगे।
- इस नियमावली में बिहार सरकार को सक्षम प्राधिकार बनाया गया है। इससे राज्य सरकार जमा स्कीम चलानेवाली कंपनियों की जाँच करने, उनकी ऑडिट करने और अनियमितता पाए जाने के बाद कार्रवाई करने की शक्ति मिल गई है।
- राज्य सरकार को उनकी संपत्ति जब्त करने और बेचने की सभी प्रक्रिया इस नियमावली के तहत अपनायी जाएगी। राज्य में छोटे-छोटे जमा योजनाएँ चलाई जाती हैं, उनके खिलाफ इसके तहत कार्रवाई होगी।
- यह नयी नियमावली आम जनता को अवैध जमा योजनाओं और धोखाधड़ी से बचाएगी। सरकार को आरोपीत के खिलाफ कड़ी सजा और भारी आर्थिक जुर्माना के साथ ही संपत्तियों की कुर्की कर निवेशकों की जमा राशि की वापसी या पुनर्भुगतान की शक्ति मिल गई है।
- विभिन्न स्तर के न्यायालयों में काम करने वाले सरकारी वकीलों का चयन अब राज्य स्तरीय चयन समिति करेगी। यह समिति महाधिवक्ता के अध्यक्षता में गठित होगी। इसमें विधि सचिव, विधि विभाग के विशेष सचिव या संयुक्त सचिव सदस्य होंगे।
- यह समिति ज़िला स्तर पर पीपी, जीपी, एपीपी एजीपी, हाइकोर्ट के लिये एडिशनल एडवोकेट जनरल गवर्नमेंट एडवोकेट, प्लीडर, स्टैंडिंग काउंसिल पब्लिक प्रोस्क्युटर और सुप्रीम कोर्ट के लिये एडिशनल एडवोकेट जनरल और स्टैंडिंग काउंसिल का चयन करेगी।
- कैबिनेट में इसके लिये बिहार विधि पदाधिकारी (वचनबद्धता) नियमावली 2023 को स्वीकृति दे दी है।
- नयी नियमावली में सरकारी वकीलों के प्राइवेट प्रैक्टिस करेंगे या नहीं करेंगे, इसको लेकर भी प्रावधान किया गया है।
- राज्य सरकार के विधि विभाग ने बिहार विधि पदाधिकारी (वचनबद्धता) नियमावली 2023 के संबंध में अधिसूचना जारी कर दिया है। यह राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से लागू होगी।
- कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कोविड 19 और यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए विदेशों से मेडिकल ग्रेजुएट करने वाले विद्यार्थियों को अब राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं, ऐसे विदेश से ग्रेजुएट करनेवाले विद्यार्थियों को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के समरूप छात्रवृति भी दी जाएगी।
- विदेशों से मेडिकल ग्रेजुएट करनेवाले छात्रों को इंटर्नशिप की कुल सीटों में से 7.5 प्रतिशत सीटों पर इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा।
एनएमसी के दिशा निर्देशों के अनुसार स्टेट मेडिकल काउंसिल में निबंधन के क्रम में इंटर्नशिप के लिये राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इंटर्नशिप की सुविधा देना है। इसके लिये उन छात्रों से कोई राशि या शुल्क नहीं लिया जाएगा।