‘भगवान बिरसा मुंडा स्व-रोज़गार योजना’, ‘टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना’ एवं ‘मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना’ की स्वीकृति | 07 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोज़गार के और अधिक अवसर प्रदान करने के लिये 3 योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की। इसमें ‘भगवान बिरसा मुंडा स्व-रोज़गार योजना’, ‘टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना’एवं ‘मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना’शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- ‘भगवान बिरसा मुंडा स्व-रोज़गार योजना’में विनिर्माण गतिविधियों के लिये एक लाख से 50 लाख रुपए तक तथा सेवा एवं व्यवसाय गतिविधियों के लिये एक लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक की परियोजनाएँ स्वीकृत की जाएंगी।
- योजना का लाभ लेने वाले परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपए से अधिक नहीं होना चाहिये।
- योजना में हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित एवं शेष ऋण पर 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान तथा बैंक ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 7 वर्षों तक (मोरेटोरियम अवधि सहित) निगम द्वारा वहन किया जाएगा। आवश्यकतानुसार इच्छुक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
- ‘टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना’में ऐसे अनुसूचित जनजाति के सदस्य, जो आयकर दाता नहीं हों, जिनकी उम्र 18 से 55 वर्ष के मध्य हो, उन्हें सभी प्रकार की स्व-रोज़गार गतिविधियों के लिये 10 हज़ार से एक लाख रुपए तक की परियोजनाओं के लिये बैंकों से ऋण दिलवा कर हितग्राही को 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान तथा बैंक ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 5 वर्षों के लिये दिया जाएगा।
- ‘मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना’में मुख्यत: अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिये विभिन्न विभागों अथवा ज़िला कलेक्टर से प्राप्त होने वाले ऐसे विशेष परियोजना प्रस्ताव, जो लाइन विभागों की प्रचलित किसी भी योजना परियोजना में किया जाना संभव न हो तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये किया जाना अत्यंत उपयोगी एवं आवश्यक हो, को वित्त पोषण के लिये अधिकतम 2 करोड़ रुपए तक की संपूर्ण परियोजना लागत राशि शासन द्वारा अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी।
- कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ऊर्जा, तकनीकि शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार, आयुष और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग आदि से प्राप्त ऐसे विशेष परियोजना प्रस्ताव को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य परियोजना क्रियान्वयन समिति की अनुशंसा पर परियोजना लागत राशि प्रदान की जाएगी।
- योजना में स्व-रोज़गार, आजीविका, कौशल उन्नयन, संवर्धन एवं नवाचार संबंधी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर वित्त पोषण किया जाएगा। परियोजना में कम-से-कम 50 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जनजाति वर्ग के होना अनिवार्य होगा।