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झारखंड

ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2022

  • 19 Jan 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों ?

18 जनवरी 2023 को जारी ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2022 के अनुसार झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में कक्षा 8 तक में नामांकित कुल बच्चों में से 3 फीसदी सरकारी विद्यालयों में पढ़ते हैं। असर 2022 की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण इलाकों में निजी विद्यालयों में मात्र 14.6 फीसदी बच्चे ही पढ़ते हैं।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में राज्य के सरकारी विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या 78 फीसदी थी। इस दौरान सरकारी स्कूलों में नामांकन लेने वाले बच्चों की संख्या में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
  • यह सर्वे राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के बीच किया गया है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में में ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ रही है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में कक्षा 1 से 8 तक के 9 फीसदी बच्चे ट्यूशन पढ़ते थे, इस वर्ष इनकी संख्या बढ़ कर 45.3 फीसदी हो गई है। इस दौरान ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में आठ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर इस दौरान ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
  • राज्य में कक्षा बढ़ने के साथ ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ती है। सर्वे राज्य के 24 ज़िलों के 720 गाँवों में किया गया। इनमें तीन वर्ष से 16 वर्ष तक के 28196 बच्चों को शामिल किया गया।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार कक्षा 3 के बच्चे पढ़ाई में पहले की तुलना में कमज़ोर हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में कक्षा 3 के 7 फीसदी बच्चे कक्षा 2 के स्तर का पाठ पढ़ सकते थे, पर वर्ष 2022 में यह संख्या घटकर 14.3 फीसदी हो गई।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार कक्षा तीन के 4 फीसदी बच्चे अक्षर नहीं पहचान पाते हैं।
  • कक्षा पाँच के 2 फीसदी बच्चे ही कक्षा एक के स्तर का पाठ पढ़ सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार कक्षा पाँच में पढ़ने वाले 30.7 फीसदी बच्चे 11 से 99 तक के अंक को पहचान पाते हैं, जबकि 78 फीसदी बच्चे घटाव तो 76 फीसदी बच्चे भाग नहीं बना पाते।
  • कक्षा छह के 3 फीसदी बच्चे घटाव तो 30.7 फीसदी बच्चे भाग बना पाते हैं। कक्षा सात के 25.4 फीसदी बच्चे घटाव तो 41.1 फीसदी बच्चे भाग बना पाते हैं। कक्षा आठ के 25.8 फीसदी बच्चे घटाव तो 45.3 फीसदी बच्चे भाग बना पाते हैं।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में अंग्रेजी की पढ़ाई में बच्चे कमज़ोर हैं। कक्षा एक के 1 फीसदी बच्चे बड़े अक्षर नहीं पहचान पाते हैं। कक्षा के दो के 30 फीसदी, कक्षा तीन के 18.2 फीसदी, कक्षा चार के 12.2 फीसदी व कक्षा पाँच के 7.8 फीसदी बच्चे अंग्रेजी के बड़े अक्षर नहीं पहचान पाते हैं।
  • कक्षा तीन के 8 फीसदी बच्चे अंग्रेजी के वाक्य पढ़ सकते हैं, जबकि कक्षा आठ में 33.5 फीसदी बच्चे वाक्य पढ़ पाते हैं। ऐसे में कक्षा आठ के लगभग 77 फीसदी बच्चे अंग्रेजी के सरल वाक्य नहीं पढ़ पाते हैं।
  • इस रिपोर्ट की मुख्य बातें- 1 फीसदी स्कूलों में पेयजल की सुविधा है लेकिन 11.3 फीसदी स्कूलों में पेयजल नहीं, राज्य के 21.1 फीसदी स्कूलों में शौचालय उपयोग के लायक नहीं, 27.1 फीसदी विद्यालयों में पुस्तकालय के पुस्तकों का उपयोग नहीं हो रहा, 92.1 फीसदी स्कूलों में बिजली कनेक्शन पर सर्वेक्षण के दिन 73.1 फीसदी स्कूलों में बिजली नहीं थी, 91.5 फीसदी स्कूलों में बच्चों के उपयोग के लिये कंप्यूटर नहीं, राज्य में 89.6 फीसदी ऐसे विद्यालय हैं, जहाँ कक्षा एक व दो के बच्चे एक साथ बैठते हैं।
  • गौरतलब है कि एक गैर-सरकारी संगठन ‘प्रथम’इस रिपोर्ट को जारी करता है।
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