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बिहार

ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2022

  • 19 Jan 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ?

18 जनवरी, 2023 को जारी ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2022 के अनुसार बिहार के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की अंग्रेजी और गणित की क्षमता में इजाफा हुआ है, साथ ही निजी कोचिंग में बच्चों की रुचि बढ़ी है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस रिपोर्ट के अनुसार बिहार के प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपस्थिति भी बढ़ी है, जबकि 15-16 साल की अनामांकित लड़कियों का अनुपात घटा है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में कक्षा 5 के बच्चों में अंग्रेजी पढ़ने की क्षमता में वर्ष 2016 से 2022 के बीच 3% की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2018 में ऐसे बच्चों की संख्या 18.1 थी, जो 2022 में 22.4% हो गई है।
  • कक्षा 8 में अंग्रेजी पढ़ने की क्षमता 2022 में 2014 के समान ही 8% पर स्थिर है। इसी प्रकार राज्य में कक्षा 3 के 11.4 बच्चे अंग्रेजी के साधारण वाक्यों को पढ़ने में सक्षम और 54.5% बच्चे उनका अर्थ बताने में सक्षम थे।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य में सरकारी या निजी स्कूलों के कक्षा 5के बच्चों में भाग करने की दक्षता वर्ष 2018 की तुलना में 5% बढ़ कर 2022 में 35.4% हो गई है। सरकारी स्कूलों में कक्षा 5 के ऐसे बच्चों की संख्या में 5.9% और कक्षा 8 में 2.4% की वृद्धि हुई है।
  • कक्षा 8वीं तक के बच्चों में निजी कोचिंग के ट्रेंड 5% का इज़ाफा हुआ है। इस वर्ग के अंतर्गत 2018 में 62.2% बच्चे निजी ट्यूशन लेते थे, अब यह आँकड़ा 71.7% हो गया है।
  • उल्लेखनीय है कि बिहार में निजी कोचिंग का ट्रेंड देश में सर्वाधिक है।
  • कोविड के दौरान सरकारी स्कूल बंद होने के बाद भी 1% नामांकन बढ़े हैं। वर्ष 2022 तक बिहार के सरकारी स्कूलों में छह से 14 आयु वर्ग के बच्चों के नामांकन 82.2% है। इसी आयु वर्ग में निजी और सरकारी स्कूलों में कुल नामांकन 98% रहा है।
  • वर्ष 2022 के दौरान बिहार में 11-14 वर्ष की अनामांकित लड़कियों की संख्या 8% रह गई है। 15-16 साल की अनामांकित लड़कियों का अनुपात घटकर 6.7% रह गया है। प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की औसत उपस्थिति 2018 में 56.5% से बढ़ कर 2022 में 59.3% हो गई है। 30.2% प्राथमिक और 34.9% उच्च प्राथमिक स्कूलों में पाठ्य-पुस्तकें थीं।
  • बिहार के स्कूलों में पूर्व-प्राथमिक तीन वर्ष तक के नामांकित बच्चे - 1%
  • बिहार में 60 या उससे कम विद्यार्थियों वाले प्राथमिक सरकारी स्कूल - 8%
  • बिहार में शिक्षकों की उपस्थिति 2018 में 68।5% की तुलना में बढ़ी - 9%
  • गौरतलब है कि एक गैर-सरकारी संगठन ‘प्रथम’इस रिपोर्ट को जारी करता है।
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