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मध्य प्रदेश

प्रदेश में एक अप्रैल से शुरू होगी पशु एम्बुलेंस सेवा

  • 16 Mar 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल की अध्यक्षता में हुई पशुपालन विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई कि प्रदेश में एक अप्रैल 2023 से पशु एम्बुलेंस सेवा शुरू हो जाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • पशुपालन विभाग ने एम्बुलेंस में एक डॉक्टर, एक कंपाउंडर, एक ड्राईवर सहित कॉल-सेंटर के लिये 1238 लोगों को रोज़गार से जोड़ा है। एम्बुलेंस में सभी आवश्यक सुविधाएँ रहेंगी।
  • मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा कि जिन ग्राम सभाओं में गो-शालाओं का व्यवस्थित संचालन नहीं हो रहा है, वहाँ यह जिम्मेदारी एनजीओ को दे दिया जाए।
  • मंत्री ने कहा कि ब्लॉक में अलग-अलग और छोटी-छोटी गो-शालाओं की जगह एक बड़ी गो-शाला में बेसहारा गायों को रखें। इससे गायों की देखभाल अच्छी होने के साथ गोबर और गो-मूत्र अधिक होने से उनकी आत्म-निर्भरता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि 10 गो-शालाओं को जोड़कर एक गो-वंश वन विहार बनाएँ।
  • बैठक में पशुपालन की विभिन्न केंद्रीय और राज्य की गो-भैंस, बकरी, कुक्कुट-पालन आदि योजनाओं की अद्यतन स्थिति पर भी चर्चा की गई। बकरी-पालन में हितग्राही को शासन द्वारा 60 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। केंद्र शासन की 4 करोड़ रुपए की गो-पालन योजना में 2 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने का प्रावधान है। साथ ही प्रदेश की आचार्य विद्यासागर योजना में 10 लाख रुपए तक का ऋण 5 गायों के लिये दिया जाता है।
  • पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में ‘डेयरी प्लस योजना’ विदिशा, रायसेन और सीहोर में लागू की गई है। इसमें अनुसूचित जाति-जनजाति को 75 प्रतिशत और सामान्य को 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया, सहरिया को 90 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है।
  • पशुपालन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में उच्च नस्ल की बछियों की संख्या बढ़ाने के लिये ब्लॉक स्तर पर नि:शुल्क टीके उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे 90 प्रतिशत बछियों का जन्म होगा और अनावश्यक रूप से नर बछड़ों की संख्या नहीं बढ़ेगी। इसके अलावा उच्च नस्ल की अधिक दूध देने वाली गायों के भ्रूण प्रत्यारोपण से भी अच्छी गायों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
  • एमपीसीडीसी द्वारा प्रदेश में रोज 7 लाख साँची दूध के पैकेट का वितरण होता है। लगभग 6 हज़ार 800 समितियों से संकलित दूध और उसके उत्पाद प्रदेश में 1100 मिल्क पार्लर, 513 मिल्क बूथ और 5400 प्रायवेट एजेंसियों से घर-घर पहुँचते हैं।
  • बैठक में बताया गया कि पड़ोसी राज्य राजस्थान में लंपी बीमारी से लगभग 70 हज़ार गायों की मृत्यु के बावजूद सतर्कता के चलते मध्य प्रदेश में केवल 696 मृत्यु दर्ज की गई। लंपी बीमारी से बचाव के लिये गायों को लगाए गए 37 लाख 13 हज़ार से अधिक टीकों का इसमें बड़ा योगदान है। 
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