देवभूमि में एक एकड़ से कम भूमि में भी बनेंगे अमृत सरोवर | 08 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
7 जून, 2022 को मिशन अमृत सरोवर के राज्य समन्वयक मोहम्मद असलम ने बताया कि केंद्र सरकार ने महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम मिशन अमृत सरोवर के अंतर्गत उत्तराखंड में सरोवर निर्माण के लिए निर्धारित क्षेत्रफल के मानक में छूट दे दी। अब उत्तराखंड में एक एकड़ से कम भूमि में भी सरोवर बन सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र ने यह छूट दी है।
- सरोवरों के नवनिर्माण एवं पुनर्जीवीकरण में 132.91 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
- उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भविष्य के लिये जल संरक्षण की दृष्टि से इस वर्ष 24 अप्रैल को मिशन अमृत सरोवर की घोषणा की थी।
- स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के साथ इसे जोड़ते हुए प्रत्येक ज़िले में 75 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अगले वर्ष 15 अगस्त से पूर्व इन जलाशयों का निर्माण होना है।
- तय मानक के अनुसार एक सरोवर (जलाशय) का क्षेत्रफल एक एकड़ या इससे अधिक होना चाहिये।
- विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में तो जलाशय निर्माण के लिये एक एकड़ या इससे अधिक भूमि की उपलब्धता है, लेकिन पहाड़ में ऐसा नहीं हो पा रहा था। इस पर राज्य सरकार ने क्षेत्रफल के मानक में छूट देने का आग्रह किया, जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया।
- मिशन के राज्य समन्वयक मोहम्मद असलम ने बताया कि सभी 13 ज़िलों के लिये निर्धारित 975 सरोवर के लक्ष्य के सापेक्ष 1017 सरोवर चयनित किये गए हैं। अब तक 530 सरोवर स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिनमें से 333 पर कार्य प्रारंभ हो गया है।
- अन्य सरोवरों के निर्माण एवं पुनर्जीवीकरण का कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। अधिकांश सरोवर मनरेगा के अंतर्गत बनाए जाएंगे।