कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति, 2019 में संशोधन | 27 May 2022
चर्चा में क्यों?
26 मई, 2022 को राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति, 2019 में लोकहित में संशोधन करते हुए नए प्रावधान शामिल किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- अधिसूचना के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में घोषित राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के तहत स्थापित होने वाली प्रथम 100 मिलेट्स प्रसंस्करण इकाईयों को पात्र परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 40 लाख रुपए प्रति इकाई अनुदान दिया जाएगा, लेकिन ऐसी परियोजना जिनमें 40 लाख रुपए की अधिकतम सीमा से अधिक अनुदान देय है, उनमें निर्धारित अनुदान दर 25 प्रतिशत पर अनुदान देय होगा।
- अनुदान के लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिये 23 फरवरी, 2022 के बाद आयोजित सभी डीएलएससी एवं एसएलएससी में स्वीकृत होने वाली सभी परियोजनाओं पर यह प्रावधान लागू होगा।
- राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के तहत स्थापित होने वाली इकाइयों पर अनुदान मिशन अवधि अथवा वर्ष 2023-24 या 100 इकाईयाँ स्थापित होने की अवधि, जो भी पहले हो, तक देय होगा। मिशन में निर्धारित इकाइयों का लक्ष्य प्राप्त होने के बाद सभी लंबित आवेदनों पर अनुदान की दर नीति, 2019 के प्रावधानों के अनुसार देय होगी।
- इसी प्रकार सभी श्रेणी (कृषक, उनके संगठन एवं इनके अतिरिक्त अन्य पात्र व्यक्ति) के आवेदकों को बजट 2022-23 में घोषित राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन के तहत स्थापित होने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिये अनुदान 50 प्रतिशत अधिकतम एक करोड़ रुपए तक देय होगा।
- यह अनुदान लहसुन के लिये प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, कोटा, बाराँ, अनार के लिये बाड़मेर एवं जालौर, संतरे के लिये झालावाड़ एवं भीलवाड़ा, टमाटर और आँवले के लिये जयपुर, सरसों के लिये अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली तथा सवाई-माधोपुर ज़िलों में स्थापित होने वाली इकाइयों को देय होगा। यह अनुदान मिशन अवधि अथवा वर्ष 2023-24, जो भी पहले हो तक के लिये देय होगा।
- जोधपुर संभाग में ज़ीरा व ईसबगोल के निर्यात आधारित प्रथम दस प्रसंस्करण इकाइयों को पूँजीगत अनुदान लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 2 करोड़ रुपए का अनुदान देय होगा। यह अनुदान भी मिशन अवधि अथवा वर्ष 2023-24, जो भी पहले हो, तक के लिये देय होगा।
- मिशन के तहत स्थापित होने वाली ज़ीरा एवं ईसबगोल की इन इकाइयों के लिये अनुदान की प्रक्रिया का निर्धारण अलग से किया जाएगा। मिशन में निर्धारित इकाइयों का लक्ष्य प्राप्त होने के बाद सभी लंबित आवेदनों पर अनुदान की दर नीति, 2019 के प्रावधानों के अनुसार देय होगी।