उत्तराखंड
उत्तराखंड में 108 की तर्ज़ पर पहली बार पशुओं के लिये शुरू होंगी एंबुलेंस
- 10 Aug 2022
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चर्चा में क्यों?
9 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड के पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि प्रदेश में इंसानों के लिये संचालित 108 एंबुलेंस की तर्ज़ पर पहली बार पशुओं के इलाज हेतु पशु चिकित्सा एंबुलेंस शुरू की जाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि प्रदेश सरकार पशुपालन व्यवसाय में रोज़गार के नए अवसर सृजित करने तथा पशुपालकों की समस्याओं का समाधान करने के लिये पहली बार पशुपालकों को घर पर भी बीमार पशुओं के इलाज की सुविधा देने जा रही है।
- इसके लिये पहले चरण में 60 पशु चिकित्सा एंबुलेंस खरीदने हेतु सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। टोल फ्री नंबर पर कॉल करने से किसानों को घर पर ही बीमार पशु का इलाज कराने के लिये एंबुलेंस सेवा मिलेगी।
- राज्य में खेती-किसानी और पशुपालन लोगों की आजीविका का मुख्य साधन हैं। 8.5 लाख किसान परिवार पशुपालन से जुड़े हैं, जिनकी बड़े पशु (गाय व भैंस) का पालन से आजीविका चलती है। प्रदेश में लगभग 27 लाख बड़े पशु हैं। इसके अलावा दो लाख परिवार छोटे पशु (भेड़, बकरी, सुअर, घोड़े, खच्चर) का व्यवसाय कर रहे हैं।
- प्रदेश में अभी तक बीमार पशु का घर-द्वार पर इलाज कराने की सुविधा नहीं है। किसानों को बीमार पशु को उपचार के लिये पशु चिकित्सालय या पशु सेवा केंद्र में ले जाना पड़ता है, जिससे किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दुर्गम क्षेत्रों में बीमार पशुओं को समय पर इलाज न मिलने के कारण पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
- गौरतलब है कि पशुओं के इलाज के लिये वर्तमान में 323 पशु चिकित्सालय संचालित हैं। इसके अलावा 770 पशु सेवा केंद्र, 682 कृत्रिम गर्भाधान केंद्र, चार पशु प्रजनन फार्म हैं। दुर्गम क्षेत्रों में बीमार पशुओं को समय पर इलाज न मिलने के कारण पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।