वर्ष 2019 के अखिल भारतीय एवं प्रादेशिक कृति पुरस्कारों की घोषणा | 28 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
27 नवंबर, 2022 को संस्कृति विभाग की साहित्य अकादमी द्वारा कैलेंडर वर्ष 2019 के कृति पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई। इसमें 13 भारतीय और 15 प्रादेशिक कृति पुरस्कार शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- अखिल भारतीय पुरस्कार में प्रति रचनाकार एक लाख रुपए एवं प्रादेशिक पुरस्कार में प्रति रचनाकार 51 हज़ार रुपए के साथ शॉल, श्रीफल, स्मृति-चिह्न और प्रशस्ति-पत्र से अलंकृत किया जाता है।
- अखिल भारतीय कृति पुरस्कार
- अखिल भारतीय पं. माखनलाल चतुर्वेदी (निबंध) पुरस्कार- डॉ. मनोज पांडेय (नागपुर) की कृति ‘आलोचना के नए परिप्रेक्ष्य’को,
- अखिल भारतीय गजानन माधव मुक्तिबोध (कहानी)- सच्चिदानंद जोशी (दिल्ली) की कृति ‘पल भर की पहचान’को,
- अखिल भारतीय राजा वीरसिंह देव (उपन्यास)- प्रो. मनीषा शर्मा (अमरकंटक) की कृति ‘ये इश्क’को,
- अखिल भारतीय आचार्य रामचंद्र शुक्ल (आलोचना)- डॉ. कविता भटे (उत्तराखंड) की कृति ‘भारतीय साहित्य में जीवन मूल्य’को,
- अखिल भारतीय पं. भवानी प्रसाद मिश्र (गीत एवं हिन्दी गजल)- डॉ. आर. पी. सारस्वत (सहारनपुर) की कृति ‘तुम बिन’को,
- अखिल भारतीय अटल बिहारी वाजपेयी (कविता)- डॉ. इंदु राव (हरियाणा) की कृति ‘छांह संस्कृति की’को,
- अखिल भारतीय कुबेरनाथ राय (ललित निबंध)- राजेश जैन (दिल्ली) की कृति ‘ईश्वर की आत्मकथा’को,
- अखिल भारतीय विष्णु प्रभाकर (आत्मकथा जीवनी)- डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री (मोहाली) की कृति ‘श्री गुरु नानक देवजी’को,
- अखिल भारतीय निर्मल वर्मा (संस्मरण)- प्रो. सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी (इंदौर) की कृति ‘बदलती हवाएँ’को,
- अखिल भारतीय महादेवी वर्मा (रेखाचित्र)- प्रशांत पोल (जबलपुर) की कृति ‘वे पंद्रह दिन’ को,
- अखिल भारतीय प्रो. विष्णुकांत शास्त्री (यात्रा-वृत्तांत)- डॉ. सुधा गुप्ता ‘अमृता’(कटनी) की कृति ‘चलें भ्रमण की ओर’ को,
- अखिल भारतीय भारतेंदु हरिश्चंद्र (अनुवाद)- संतोष रंजन (भोपाल) की कृति ‘थेल्मा मेरी कोरिली’ को
- अखिल भारतीय नारद मुनि (फेसबुक/ब्लॉग/नेट) पुरस्कार- अजय जैन ‘विकल्प’ (इंदौर) को उनके पेज ‘फेसबुक/ब्लॉग/नेट’को दिया गया है।
- प्रादेशिक कृति पुरस्कार
- वृंदावन लाल वर्मा (उपन्यास) पुरस्कार- डॉ. अश्विनी कुमार दुबे (इंदौर) की कृति ‘किसी शहर में’ को,
- सुभद्रा कुमारी चौहान (कहानी)- डॉ. गरिमा संजय दुबे (इंदौर) की कृति ‘दो ध्रुवों के बीच की आस’ को,
- श्रीकृष्ण सरल (कविता)- गुरु सक्सेना (नरसिंहपुर) की कृति ‘सीता वनवास’ को,
- प्रादेशिक आचार्य नंददुलारे वाजपेयी (आलोचना)- बूला कार (इंदौर) की कृति ‘साहित्य मीमांसा’ को,
- हरिकृष्ण प्रेमी (नाटक)- अशोक मनवानी (भोपाल) की कृति ‘वतन आज़ाद देखूँ’ को,
- राजेंद्र अनुरागी (डायरी)- राजेश अवस्थी ‘लावा’(ग्वालियर) की कृति ‘अतीत के शब्दबिंब’ को,
- पं. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’(प्रदेश के लेखक की पहली कृति)- डॉ. अन्नपूर्णा सिसोदिया (अशोकनगर) की कृति ‘औरत बुद्ध नहीं होती’ को,
- ईसुरी (लोकभाषा विषयक)- आचार्य दुर्गाचरण शुक्ल (टीकमगढ़) की कृति ‘मदन रस बरसे’ को,
- हरिकृष्ण देवसरे (बाल साहित्य)- डॉ. प्रेमलता नीलम (दमोह) की कृति ‘गले का हार’ को,
- नरेश मेहता (संवाद, पटकथा लेखन)- संदीप शर्मा (धार) का पटकथा लेखन ‘प्रयाग प्रवाह और जयतु सिंहस्थ’ को,
- जैनेंद्र कुमार ‘जैन’ (लघुकथा)- डॉ. गिरिजेश सक्सेना (भोपाल) की कृति ‘चाणक्य के दाँत’ को,
- सेठ गोविंद दास (एकांकी)- डॉ. सुधीर आज़ाद (भोपाल) की कृति ‘मैं खुदीराम त्रैलोक्यनाथ बोस’ को,
- शरद जोशी (व्यंग्य)- मीरा जैन (उज्जैन) की कृति ‘हेल्य हादसा’ को,
- वीरेंद्र मिश्र (गीत)- राजेंद्र शर्मा ‘अक्षर’ (भोपाल) की कृति ‘संबोधन’ को,
- दुष्यंत कुमार (गजल)- पुरस्कार डॉ. प्रियंका त्रिपाठी (शहडोल) की कृति ‘गुनगुनी सी धूप’ को दिया गया है।