राजस्थान
राज्य सरकार और फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी के मध्य हुआ समझौता
- 07 Apr 2023
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चर्चा में क्यों?
5 अप्रैल, 2023 को जयपुर में शासन सचिवालय में आयोजित बैठक में राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार और फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी के मध्य समझौता हुआ है, जिसमें फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी के सहयोग से क्रियान्वित होने वाली ‘राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता विकास परियोजना’ के अंतर्गत वृहद् स्तर पर वृक्षारोपण किया जाएगा, जिससे प्रदेश के हरित क्षेत्र में वृद्धि होगी।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. डी.एन. पाण्डेय एवं फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी के भारत में कंट्री डायरेक्टर बोसले ब्रूनो ने समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
- ‘राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता विकास परियोजना’ से प्रदेश के वानिकी एवं जैव विविधता क्षेत्र में एक नए दौर की शुरूआत होगी। इसके लिये फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार परियोजना में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए सभी लक्ष्यों को निर्धारित समय में प्राप्त करेगी।
- वन विभाग की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत आगामी 8 वर्ष में 13 ज़िलों में 1693.91 करोड़ रुपए व्यय होंगे, जिसका 70 प्रतिशत अंश (1185.28 करोड़ रुपए) फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी एवं 30 प्रतिशत अंश (508.62 करोड़ रुपए) राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- परियोजना निदेशक मुनीश कुमार गर्ग ने बताया कि राज्य के भरतपुर, कोटा, टोंक के साथ अलवर, बारां ,भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, करौली एवं सवाई माधोपुर ज़िलों में परियोजना के तहत विविध कार्य करवाए जाएंगे। 55000 हैक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण के साथ ही वन विभाग के अधिकृत क्षेत्रों के अतिरिक्त बाहरी क्षेत्रों में भी 55 लाख पौधों का वितरण किया जाएगा।
- भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, बीसलपुर, टोंक व कोटा के कन्जर्वेशन रिजर्व, कोटा के भैंसरोडगढ़ सैंक्चुअरी व बूंदी की रामगढ़ विषधारी सैंक्चुअरी एवं मुकुंदरा हिल्स टाईगर रिजर्व में जीवों के निर्बाध जीवन के अनुकूल वातावरण बनाने के लिये व्यापक विकास कार्य किये जाएंगे। वन क्षेत्रों में लगभग 610 किलोमीटर की सीमाओं को पक्की दीवार से सुरक्षित किया जाएगा।