हरियाणा
HAU ने गेहूँ की किस्म WH1270 का बीज भरपूर मात्रा में उपलब्ध करवाने के लिये 9 कंपनियों से किया समझौता
- 27 Oct 2022
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चर्चा में क्यों?
26 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) हिसार के कुलपति प्रो. बीआर कांबोज ने बताया कि विश्वविद्यालय ने अगले सीजन में भरपूर मात्रा में बीज उपलब्ध करवाने के लिये पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत तकनीकी व्यवसायीकरण को बढ़ावा देते हुए निजी क्षेत्र की 9 प्रमुख बीज कंपनियों से समझौता किया है।
प्रमुख बिंदु
- कुलपति प्रो. बीआर कांबोज ने कहा कि इस किस्म की पैदावार व रोग प्रतिरोधक क्षमता को देखते हुए इसकी मांग अन्य राज्यों में भी लगातार बढ़ती जा रही है। इसके मद्देनज़र अगले सीजन में भरपूर मात्रा में बीज उपलब्ध करवाने के लिये विश्वविद्यालय ने निजी क्षेत्र की इन बीज कंपनियों से समझौता किया है।
- विश्वविद्यालय ने डब्ल्यूएच 1270 के बीज उत्पादन एवं विपणन के लिये उत्तम सीड्स (हिसार), मॉडल एग्रीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (करनाल), कुरुक्षेत्र एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड (इंद्री), शिव गंगा हाइब्रिड सीड्स प्राइवेट लिमिटेड (हिसार), हरियाणा सीड्स कंपनी (करनाल), क्वालिटी हाइब्रिड सीड्स कंपनी (हिसार), काश्तकार सीड्स विदिशा (मध्य प्रदेश), उन्नत बीज कंपनी (सिरसा) और शक्तिवर्धक हाइब्रिड सीड्स प्राइवेट लिमिटेड (हिसार) से समझौता किया है।
- विदित है कि विश्वविद्यालय की तरफ से विकसित गेहूँ की किस्म डब्ल्यूएच 1270 को देश के उत्तर-पश्चिमी मैदानी भाग के सिंचित क्षेत्र में अगेती बिजाई वाली खेती के लिये अधिसूचित किया गया है। इसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों को शामिल किया गया है।
- विश्वविद्यालय की सिफारिशों के अनुसार इस किस्म की बिजाई करके उचित खाद, उर्वरक व पानी दिया जाए तो इसकी औसत पैदावार 75.8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकती है और अधिकतम पैदावार 91.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक ली जा सकती है। इस किस्म की खास बात यह है कि यह गेहूँ की मुख्य बीमारियाँ पीला रतवा व भूरा रतवा के प्रति रोगरोधी है।