गोड्डा के अडाणी पावर प्लांट से रोशन होगा बांग्लादेश, 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू | 17 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
16 दिसंबर, 2022 को झारखंड के गोड्डा में बने देश के अब तक के सबसे उत्कृष्ट थर्मल पावर प्लांट में से एक अडाणी पावर प्लांट से पहले चरण में 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया। पहले चरण में 800 मेगावाट का उत्पादन कर बांग्लादेश को बिजली पहुँचाया गया। इस पावर प्लांट से झारखंड सरकार को 25 प्रतिशत बिजली मिलेगी।
प्रमुख बिंदु
- दो यूनिट वाले अडाणी पावर प्लांट के पहले फेज में 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन का ट्रायल दिसंबर में हो जाने के बाद बांग्लादेश को तय तिथि 16 दिसंबर को पावर ट्रांसमिट किया गया। दूसरे यूनिट के अप्रैल तक चालू होने की बात बताई जा रही है। उस समय कंपनी की ओर से कुल 1600 मेगावाट का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
- बांग्लादेश तक बिजली पहुँचाने के लिये गोड्डा से मुर्शिदाबाद तक 105 किमी. ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण भी अडानी ने करवाया है। इसके अलावा पानी की ज़रुरत को पूरा करने के लिये साहिबगंज से गोड्डा तक वाटर पाइपलाइन बिछाई गई है।
- गौरतलब है कि भारत सरकार और बांग्लादेश के बीच हुए समझौते के तहत यह पावर प्लांट बनाया गया है। यह अल्ट्रा सुपर थर्मल पावर प्लांट है। इस पावर प्लांट के निर्माण पर कुल 15000 करोड़ रुपए की लागत आई है।
- अडाणी पावर प्लांट का काम साल 2016 में भूमि अधिग्रहण के साथ शुरू हुआ। मोतिया और आसपास के कई गाँव एवं मौजा की करीब 650 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण किया गया। इसके बाद 2018 में कंपनी ने निर्माण कार्य शुरू किया।
- इस प्लांट में नवीन तकनीक का प्रयोग किया गया है। देश भर में लगे अब तक के लेटेस्ट चिमनी जिसकी ऊँचाई 275 मीटर है, यहाँ बनाया गया है। वहीं, पावर उत्पादन के साथ पर्यावरण की रक्षा के लिये इको फ्रेंडली एफडीजी एवं एससीआर केमिकल रिएक्शन का इस्तेमाल का यंत्र लगाया गया है।
- एससीआर नामक तकनीक के माध्यम से गैसीय प्रदूषण को रोकने का काम किया गया है। साथ ही इएसपी यानी इलेक्ट्रो स्टेटिक प्रेसीप्रेटर सिस्टम का उपयोग किया गया है। इससे सूक्ष्म से सूक्ष्म कार्बन के उत्सर्जन को परिमार्जित कर प्रदूषण क्षमता को कम करता है। इस यंत्र और मशीन के इंस्टॉलेशन में कंपनी को करीब 2200 करोड़ रुपए अतिरिक्त राशि खर्च करना पड़ा है।
- अडाणी संयंत्र में उच्च तापीय एवं क्वालिटी के बिटुमिनस कोयले का प्रयोग किया जा रहा है। यह कोयला अत्यधिक गुणवत्तापूर्ण बताया जा रहा है।