अबूझमाड़ को मिलेगा लीची का बाग | 13 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
11 जून, 2022 को छत्तीसगढ़ के बागवानी विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभाग नारायणपुर ज़िले के अबूझमाड़ के घने जंगल को एक नई पहचान दिलाने की दिशा में लीची के बाग लगाने की योजना बना रहा है।
प्रमुख बिंदु
- 1995 में ओरछा के राजकीय उद्यान में 100 पौधे रोपे गए थे। वे पेड़ अब अच्छे फल दे रहे हैं। इस प्रयोग की सफलता के बाद बागवानी विभाग लीची की खेती क्षेत्र को और बढ़ाने की योजना बना रहा है।
- सर्वे के बाद क्षेत्र के आदिवासी किसानों को वन भूमि अधिकार विलेख दिया गया है। एक आदिवासी किसान को 20-30 पौधे दिये जाते हैं। इसके बाद बागवानी विभाग उन्हें प्रशिक्षण देगा।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में बस्तर के अपने दौरे के दौरान ओरछा क्षेत्र में 200 एकड़ भूमि में बाग विकसित करने की घोषणा की थी।
- लीची एक छोटी अवधि की फसल है। पेड़ लगभग 10 मई तक फल देते हैं और इसका मौसम 10 जून तक समाप्त हो जाता है, लेकिन प्रति हेक्टेयर 200 पेड़ लगाए जाने पर एक किसान 4-5 लाख रुपए कमा सकता है।
- उल्लेखनीय है कि लीची के पौधों को लंबी सर्दियों और पर्याप्त बारिश की आवश्यकता होती है। इस संबंध में अबूझमाड़ क्षेत्र का मौसम अनुकूल है।