नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


हरियाणा

सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में देखे गए 124 प्रजातियों के लगभग 28,000 प्रवासी पक्षी

  • 07 Feb 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (वन्यजीव) निरीक्षक राजेश चहल ने बताया कि इस शीत ऋतु में गुरुग्राम के सुल्तानपुर गाँव में स्थित राष्ट्रीय उद्यान (सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य) को 28,026 प्रवासी पक्षियों ने घोंसला बनाने के लिये चुना है। 

प्रमुख बिंदु 

  • उन्होंने बताया कि 124 पक्षी प्रजातियाँ पहले ही यहाँ आ चुकी हैं, जबकि ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, रेड हेडेड फाल्कन, इंपीरियल ईगल, कॉमन केस्ट्रेल, व्हाइट टेल्ड लैपविंग, ब्लैक टेल्ड गॉडविट को कई वर्षों के बाद यहाँ देखा गया है।
  • हरियाणा के मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एम.एल. राजवंशी ने बताया कि भारत विभिन्न पक्षी प्रजातियों के प्रजनन और विशेष मौसम में पालने के लिये सबसे अनुकूल परिदृश्यों में से एक है। हरियाणा का तापमान इसे साइबेरिया और दुनिया के अन्य हिस्सों की कठोर जलवायु से आने वाले प्रवासी पक्षियों के लिये उपयुक्त परिदृश्य बनाता है।
  • राजेश चहल ने बताया कि सितंबर और अक्टूबर के बीच लगभग 29 देशों से सर्दियों में प्रवास के लिये पक्षी आते हैं और मार्च तक वापसी की यात्रा करते हैं। इस साल सर्दी शुरू होने से काफी पहले ही राष्ट्रीय उद्यान में प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो गया था, चूँकि पार्क में पक्षियों के लिये एक आदर्श आवास है, इसलिये हर साल बड़ी संख्या में पक्षी आराम करने और भोजन करने के लिये हज़ारों मील की दूरी पर इस आर्द्रभूमि में आते हैं।
  • हर साल पक्षियों की संख्या और क्षेत्र में आने वाली प्रजातियों को नोट करने के लिये पार्क में पक्षियों की गिनती की जाती है। इससे प्रवास के पैटर्न और पार्क की पारिस्थितिकी को समझने में मदद मिलती है। 
  • हाल ही में 30 जनवरी को संपन्न हुई पक्षी गणना के दौरान, सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में पहली बार प्रवासी पक्षी, जैसे- ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, रेड हेडेड फाल्कन, इंपीरियल ईगल, कॉमन केस्ट्रेल, व्हाइट टेल्ड लैपविंग, ब्लैक टेल्ड गॉडविट को पहली बार देखा गया। 
  • सुल्तानपुर नेशनल पार्क में पक्षियों, उभयचरों और तितलियों सहित जीवों की 600 से अधिक प्रजातियाँ हैं। पक्षियों की 417 से अधिक प्रजातियाँ हैं। इसके अतिरिक्त, 16 स्तनपायी प्रजातियाँ, तितलियों की 40 प्रजातियाँ, 16 सरीसृप और 5 उभयचर प्रजातियाँ हैं। 
  • राजेश चहल ने बताया कि आमतौर पर पार्क में उड़ने वाले प्रवासी पक्षियों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है: वेडर (पानी पर निर्भर पक्षी), बत्तख (थोड़ा गहरे पानी पर निर्भर) और वार्बलर (रीड पसंद करते हैं)। 
  • स्टेट ऑफ इंडियाज़ बर्ड्स, 2020 के अनुसार, भारत में पाए जाने वाले पक्षियों की 1,220 प्रजातियों में से 280 लंबी दूरी की प्रवासी हैं, जबकि 116 उपमहाद्वीप की प्रवासी हैं और शेष प्रजातियाँ आमतौर पर देश की सीमाओं के भीतर रहती हैं।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow