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बिहार

NREGS कार्ड धारकों के लिये आधार सीडिंग

  • 09 Jan 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

जनवरी 2024 के मध्य तक, बिहार में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत सभी जॉब कार्ड धारकों के आधार कार्ड को जोड़ने की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।

  • राज्यों के लिये लाभार्थियों को आधार-आधारित वेतन भुगतान को अपनाना केंद्र की आवश्यकता है।

मुख्य बिंदु:

  • केंद्र ने 1 जनवरी से MGNREGS के तहत सभी जॉब कार्ड धारकों के लिये AePS (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली) अनिवार्य कर दिया है।
  • इसका तात्पर्य यह है कि लाभार्थियों को पारिश्रमिक का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाएगा। वह राशि देय तिथि के बाद उनके आधार नंबर के माध्यम से सत्यापित होगी। नेशनल पेमेंट्स काॅरपोरेशन आफ इंडिया (NCPI) द्वारा इसकी मैपिंग की जाएगी।
  • अभी बिहार में MNREGA के तहत जॉब कार्ड धारकों की कुल संख्या 1.80 करोड़ है। उनमें से 1.52 करोड़ के बैंक खाते उनके आधार (विशिष्ट पहचान) नंबर से जुड़े हुए हैं।
  • इनमें से लगभग 96 लाख सक्रिय कर्मचारी (जो नियमित रूप से कार्य कर रहे हैं), लगभग 94 लाख के बैंक खाते आधार से जुड़े हुए हैं, जबकि 79.63 लाख AePS के तहत भुगतान के लिये पात्र हैं।
  • चालू वित्तीय वर्ष (2023-24) में, बिहार ने योजना के तहत स्वीकृत 17 करोड़ के मुकाबले अब तक 15.64 करोड़ मानव दिवस (इस अवधि के भीतर एक व्यक्ति द्वारा किये जा सकने वाले कार्य की मात्रा के संदर्भ में एक दिन माना जाता है) उत्पन्न किया है, जिसका उद्देश्य अकुशल ग्रामीण श्रमिकों को एक वर्ष में कम-से-कम 100 दिन का कार्य प्रदान करना है।
    • इस वित्तीय वर्ष में कार्य सृजन के लिये अतिरिक्त 8 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का प्रस्ताव बिहार द्वारा ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा।

आधार

  • आधार भारत सरकार की ओर से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा जारी की गई 12 अंक की व्यक्तिगत पहचान संख्या है।
    • यह संख्या भारत में कहीं भी पहचान और पते के प्रमाण के रूप में कार्य करती है।
  • आधार संख्या प्रत्येक व्यक्ति के लिये विशिष्ट होती है और इसकी वैद्यता जीवन भर तक है।
    • यह जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक जानकारी के आधार पर व्यक्तियों की पहचान स्थापित करता है।
  • आधार संख्या निवासियों को उचित समय पर बैंकिंग, मोबाइल फोन कनेक्शन और अन्य सरकारी तथा गैर-सरकारी सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करती है।

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