राज्य में सब्जी मंडियों में चारदीवारी, शेड के निर्माण इत्यादि कार्यों के लिये बनाई जाएगी नई नीति | 15 Jun 2023
चर्चा में क्यों
13 जून, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेशभर में सब्जी मंडियों में चारदीवारी, शेड के निर्माण व मरम्मत, गेट तथा सफाई व्यवस्था इत्यादि कार्यों के लिए एक नई नीति बनाए जाने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- इसके अंतर्गत एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें आढ़ती भागीदार होंगे। इस समिति को मार्केट फीस में से कुछ राशि उपलब्ध करवाई जाएगी, जिससे समिति मंडी के कार्य अपने स्तर पर करवा सकेगी।
- प्रदेशभर में सब्जी मंडी में लगने वाली मार्केट फीस व एचआरडीएफ दर को अब एकमुश्त तय किया जाएगा। इससे संबंधित नियमों में संशोधन के विधेयक को विधानसभा से पारित किया जा चुका है।
- वर्तमान में सब्जी मंडी में 2 प्रतिशत मार्केट फीस व 2 प्रतिशत एचआरडीएफ की दर लागू है। आढ़तियों की मांग पर राज्य सरकार ने विचार करते हुए इसे एकमुश्त करने का निर्णय लिया है।
- विदित है कि कैथल में ट्रांसपोर्ट नगर में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा नीति के तहत व्यापारियों को दुकानें बेची गई थीं, लेकिन नीति में कुछ नियम व शर्तों के कारण आज व्यापारी अपनी दुकानें आगे बेच नहीं पा रहे हैं।
- राज्य सरकार ने व्यापारियों की कठिनाई को समझते हुए यह निर्णय लिया है कि ऐसे व्यापारियों के लिये नई नीति बनाई जाएगी और उन्हें नियमों में छूट दी जाएगी, जिससे वे अपनी दुकानें बेचने में सक्षम हो सकेंगे।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेशभर में शहरों में बने सरकारी गोदामों को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिये भी नीति बनाई जा रही है। जल्द ही ऐसे गोदामों को शहर से बाहर स्थापित किया जाएगा।
- उन्होंने मंडियों में दुकानों से संबंधित चल रहे विवादों के निपटान के लिये सरकार द्वारा चलाये गए विवादों का समाधान योजना को एक वर्ष की अवधि के लिये बढ़ाने की घोषणा की।
- राज्य में व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिये राज्य सरकार ने ‘व्यापारी कल्याण बोर्ड’ का भी गठन किया है। इसके अलावा, ‘मुख्यमंत्री व्यापारी सामूहिक निजी दुर्घटना बीमा योजना’ के तहत व्यापारियों को बीमा कवर प्रदान किया जाता है।
- ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ‘लघु व्यापारी मानधन योजना’ के तहत छोटे व्यापारियों को 6 हज़ार रुपए वार्षिक सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके अलावा, ‘पीएम-स्वनिधि योजना’ के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को 10 हज़ार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है।