उत्तराखंड
उत्तराखंड में ‘ए-हेल्प’कार्यक्रम की शुरुआत
- 15 Apr 2023
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चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे ऑफ इंडिया ऑडिटोरियम, देहरादून में राज्य में ‘ए-हेल्प’(पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य और विस्तार के लिये मान्यता प्राप्त एजेंट) कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा परिकल्पित ए-हेल्प योजना के अंतर्गत महिलाओं को दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन से संबंधित गतिविधियों को मजबूती प्रदान करने के लिये चुना गया है।
- ‘ए-हेल्प’(A-HELP- Accredited Agent for Health and Extension of Livestock Production) कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित ए-हेल्प कार्यकर्त्ता पशुओं में विभिन्न संक्रामक रोगों की रोकथाम करने, राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) के अंतर्गत कृत्रिम गर्भाधान, पशुओं की टैगिंग और पशु बीमा में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे।
- उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार सामाजिक-आर्थिक उत्थान हेतु महिला शत्ति का समावेशन और भागीदारी सुनिश्चित करने का एक अतुलनीय उदाहरण होगा।
- उत्तराखंड के पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पशुधन क्षेत्र महिलाओं के लिये बहुत ही महत्त्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है लेकिन अभी तक इसमें संस्थागत समर्थन की कमी थी। इस अंतर को ए-हेल्प कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ पूरा किया जाएगा।
- समुदाय आधारित कार्यकर्त्ताओं का यह नया बैंड, जिन्हें पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य और विस्तार के लिये मान्यता प्राप्त एजेंट (ए-हेल्प) के रूप में नामित किया गया है, स्थानीय पशु चिकित्सा संस्थानों और पशुधन मालिकों के बीच रित्तता को भरने और प्राथमिक सेवाएँ प्रदान करने के लिये तैयार किया गया है।
- आरजीएम के अंतर्गत, पशुधन नस्ल सुधार कार्यक्रम का आयोजन बड़ी संख्या में प्रशिक्षित ए-हेल्प कार्यकर्त्ताओं की सहायता से किया जाएगा, जो अतिरिक्त प्रशिक्षण प्राप्त कर कृत्रिम गर्भाधान करवाने में दिल्चस्पी रखते हैं।
- ए-हेल्प कार्यकर्त्ता पशुधन बीमा योजना को लागू करने के साथ-साथ अन्य मध्यवर्तनों में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिसके लिये उन्हें योजना के प्रावधानों के अनुसार पारिश्रमिक प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें कुछ आमदनी और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में भी सहायता मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने ग्रामीण विकास विभाग (डीओआरडी), सरकार के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके इस नई पहल की शुरुआत की है।
- ए-हेल्प कार्यकर्त्ताओं की प्राथमिक जिम्मेदारी गाँव में पशुधन आबादी की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करना है।
- इस कार्यक्रम को मध्य प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों और पशु सखियों सहित 500 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।