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झारखंड

झारखंड राज्य दिवस पर दिखी राज्य की परंपरा और संस्कृति की झलक

  • 25 Nov 2021
  • 3 min read

चर्चा में क्यों? 

24 नवंबर, 2021 को झारखंड राज्य सरकार ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के झारखंड मंडप में झारखंड राज्य दिवस मनाया, जिसमें वक्ताओं ने राज्य की प्रकृति और समृद्ध आदिवासी संस्कृति पर प्रकाश डाला। साथ ही राज्य के लोक कलाकारों ने भी झारखंड की लोक संस्कृति का प्रदर्शन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर झारखंड के पेयजल और स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि झारखंड राज्य भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हू और अन्य वीर सपूतों की भूमि है, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 
  • झारखंड राज्य संस्कृति, पर्यटन, कला, खनिजों से समृद्ध है। राज्य में देश की कुल खनिज संपदा का 40 प्रतिशत है, जिसमें लोहा, सोना, अभ्रक, यूरेनियम आदि प्रचुर मात्रा में हैं।
  • मिथिलेश कुमार ठाकुर ने राज्य के धार्मिक स्थलों, जैसे- बाबा बैद्यनाथ धाम, रजरप्पा मंदिर, इटखोरी मंदिर, मालुती मंदिर आदि अन्य तीर्थ स्थलों पर भी प्रकाश डाला। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन स्थलों के हिस्से के रूप में झारखंड के बेतला राष्ट्रीय उद्यान, नेतरहाट, हज़ारीबाग आदि में अपार संभावनाएँ हैं।
  • उद्योग विभाग तथा खान एवं भूतत्त्व विभाग की सचिव पूजा सिंघल ने कहा की झारखंड धार्मिक, पर्यटन, खनिज, संस्कृति और उद्योग का साक्ष्य है। भारत सरकार द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में झारखंड फोकस स्टेट है।
  • झारखंड राज्य दिवस पर एम्फी थियेटर में झारखंड के प्रभात कुमार महतो द्वारा छऊ नृत्य, अशोक कच्छप द्वारा पाइका नृत्य, झिंगगा भगत मनोरंजन कला संगम द्वारा ओरॉन नृत्य, आर. आर. मेहता द्वारा मुंदरी नृत्य, झिंगगा भगत द्वारा नागपुरी नृत्य और बबीता मुर्मू द्वारा संथाली नृत्य प्रस्तुत किया गया।
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