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झारखंड

चंद्रपुरा में 800 मेगावाट का लगेगा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट

  • 12 Jun 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों

11 जून, 2023 को दामोदर वैली कारपोरेशन (डीवीसी) के चेयरमैन राम नरेश सिंह ने झारखंड के चंद्रपुरा स्थित निदेशक भवन में बताया कि चंद्रपुरा थर्मल की पुरानी यूनिटों का डिस्मैंटलिंग किया जा रहा है तथा एक नया सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट लगाने की योजना की जा रही है।

प्रमुख बिंदु 

  • डीवीसी के चेयरमैन राम नरेश सिंह ने बताया कि राज्य में नया सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट लगाने हेतु सर्वे चल रहा है। ज़मीन की उपलब्धता तथा एश डाइक के लिये जगह मिलने पर यह प्लांट लगाया जाएगा। 
  • डीवीसी में सोलर के अलावा बैटरी स्टोरेज तथा ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट भी लाया जा रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है। अगर चंद्रपुरा में किसी कारणवश सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट नहीं लग पाया तो ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट लगाने की योजना है। इसके लिये यहाँ पर्याप्त पानी, मार्केट और स्टील प्लांट उपलब्ध है। 
  • डीवीसी के चेयरमैन ने कहा कि डीवीसी के बोकारो थर्मल में भी पुरानी यूनिट का डिस्मैंटलिंग जल्द शुरू होगा। वर्ल्ड बैंक के सहयोग से रि-परपसिंग ऑफ ओल्ड यूनिट्स के बदले सोलर, रिन्युअल, बैटरी स्टोरेज या ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट लगाने की दिशा में काम चल रहा है। इसके लिये सर्वे का काम चल रहा है। 
  • हाल में ही वर्ल्ड बैंक की टीम ने यहाँ का दौरा भी किया है। इसकी डीपीआर बन गई है और विद्युत मंत्रालय ने इस पर सहमति दे दी है। 
  • चेयरमैन ने कहा कि डीवीसी की विद्युत उत्पादन क्षमता सात हजार मेगावाट है। थर्मल पावर प्लांटों से उत्पादन क्षमता 6540 मेगावाट है। वर्तमान में डीवीसी के 250 मेगावाट तथा 210 मेगावट के दो थर्मल पावर प्लांट तकनीकी कारणों के कारण अंडर मेंटेनेंस हैं। डीवीसी ने पीक जेनरेशन कुल 5600 मेगावाट किया। 
  • वर्ष 2030 में डीवीसी की विद्युत उत्पादन क्षमता 14-15 हज़ार मेगावाट हो जाएगी। इसमें थर्मल, सोलर व ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट एवं बैटरी स्टोरेज प्लांट शामिल हैं। आने वाले समय में कोई ग्रीन फिल्ड पावर प्लांट नहीं लगाया जाएगा, बल्कि जहाँ डीवीसी के पुराने पावर प्लांट हैं, वहां नयी यूनिट स्थापित की जाएंगी। 
  • राज्य के रघुनाथपुर में 660 गुणा दो यानी 1320 मेगावाट क्षमता का प्लांट लगाया जाएगा। कोडरमा फेस दो में दो गुणा 800 यानी 1600 मेगावाट क्षमता का सुपर क्रिटिकल प्लांट लगाया जाएगा। 
  • इनके अलावा दुर्गापुर ओल्ड प्लांट की जगह 800 मेगावाट क्षमता का नया पावर प्लांट लगाया जाएगा। यहाँ के पुराने प्लांट का ऑक्शन प्रोसेस में है। यानि आने वाले सात साल में 3720 मेगावाट क्षमता के नए पावर प्लांट लगाये जाएंगे। करीब दो हजार क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जाएगा।
  • डीवीसी के कुल चार डैम हैं, जिससे फ्लोटिंग क्षमता 18-19 सौ मेगावाट जेनरेशन की है। कई पावर प्लांट के अंदर वाटर रिजरवॉयर भी हैं। आने वाले समय में कोडरमा में 10 मेगावाट, चार पावर प्लांट के वाटर रिजरवॉयर से 30 मेगावाट, तिलैया व पंचेत डैम से 310 मेगावाट के अलावा एक अन्य आठ मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगेगा।
  • इसके अलावा पंप स्टोरेज का भी बड़ा प्रोजेक्ट लाया जा रहा है। मैथन में एक हज़ार तथा ललपनिया में 15 सौ मेगावाट क्षमता का पंप स्टोरेज प्लांट लगाया जाएगा।
  • चेयरमैन ने कहा कि ललपनिया के लुगू पहाड़ में 15 सौ मेगावाट क्षमता का पंप स्टोरेज प्लांट प्रस्तावित है। शुरु में कुछ ग्रामीण यहाँ प्लांट लगाने का विरोध कर रहे थे। लेकिन अब ग्रामीणों का सकारात्मक सहयोग मिल रहा है।
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