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देश के 500 आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम में बिहार के 61 प्रखंड शामिल

  • 11 Jan 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

10 जनवरी, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम की तर्ज पर आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम की शुरूआत की है। इसके लिये देश के पिछड़े 500 प्रखंडों का चयन किया गया है, जिसमें बिहार के 61 प्रखंड शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु

  • विकास के कई पैमाने पर पिछड़े प्रखंडों को आगे लाने के लिये शुरू की गई आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम के तहत प्रखंडों के चयन के लिये नीति आयोग ने एक मानक तय किया है। प्रखंडों का चयन करने के लिये नीति आयोग ने प्रति व्यक्ति आय और जनसंख्या को आधार बनाया है, जिसमें प्रति व्यक्ति आय को 75% और जनसंख्या को 25% वेटेज दिया गया है। इसी आधार पर अलग-अलग राज्यों से प्रखंड का चयन किया गया है।
  • बिहार के 27 पिछड़े ज़िलों में से 61 प्रखंड का चयन किया गया है। इसी प्रकार आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश से 68, झारखंड से 34 तथा ओडिशा व पश्चिम बंगाल से 29-29 प्रखंडों का चयन किया गया है।
  • आकांक्षी ज़िले की तरह ही विकास के कई पैमानों पर पिछड़े इन प्रखंडों में स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, कृषि व जल संसाधन, वित्तीय समावेशन व कौशल विकास जैसे इंडीकेटर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • इन ज़िलों के लिये केंद्र की ओर से अतिरिक्त फंड का भी प्रबंधन किया जाएगा। प्रखंडों की रैंकिंग की जाएगी ताकि उनमें आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा बढ़ सके।
  • गौरतलब है कि वर्ष 2018 में लागू आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम में बिहार के 12 ज़िले- कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर और नवादा शामिल हैं।
  • इन ज़िलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा वित्तीय स्थिति और आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर ध्यान दिया जाता है। शिक्षा के लिये मुख्य रूप से स्कूल में पढ़ाई और लाइब्रेरी की सुविधा, स्कूलों में आधारभूत संरचना शामिल हैं।
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