झारखंड की 50 पंचायतें बनेंगी मॉडल | 15 May 2023
चर्चा में क्यों?
14 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड की 50 पंचायतों को मॉडल बनाने के लिये राज्य के पंचायती राज विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।
प्रमुख बिंदु
- इन पंचायतों को मॉडल बनाने के लिये झारखंड सरकार का पंचायती राज विभाग केरला इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन (कीला) के साथ एमओयू करेगा।
- इस कार्य में पंचायती राज विभाग, झारखंड सिविल सोसाइटी (सीएसओ) का भी सहयोग लेगा।
- गौरतलब हे कि ‘कीला’पंचायतों को आइएसओ सर्टिफिकेट भी देता है। केंद्र सरकार ने इसके लिये कीला को अधिकृत किया है।
- इसके अतिरित्त कीला द्वारा पंचायती राज के जन प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के लिये कोर्स और मॉड्यूल भी डिजाइन किया जाएगा।
- पंचायतों की प्राथमिक सुविधा का आकलन किया जाएगा। कीला डाटा कलेक्शन, जल सुविधा, स्वास्थ्य सुविधा और आंगनबाड़ी सेंटर में उपलब्ध सुविधा की जानकारी लेगा। इसके सुधार के उपाय की जानकारी देगा।
- क्षमता विकास के लिये संयुत्त रूप से कार्यशाला, सेमिनार और फैकल्टी विकास कार्यक्रम का आयोजन होगा। चयनित जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों का एक्सपोजर विजिट कराया जाएगा। पंचायतों में जल संरक्षण, आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा आदि क्षेत्र में सहयोग किया जाएगा।
- केरल में पर्यावरण, सामाजिक, आर्थिक सुविधा व तकनीकी पर उपलब्ध संसाधन के उपयोग की जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दी जाएगी।
- कीला पंचायतों को आइएसओ प्रमाणपत्र दिलाने लायक तैयार करने के लिये 30 हज़ार रुपए लेता है। यह प्रमाणपत्र तीन साल तक मान्यता प्राप्त रहता है। इसमें पंचायतों की पूरी व्यवस्था दुरस्त की जाती है। पंचायतों में उपलब्ध सेवा को सुदृढ़ किया जाता है। कार्यालय रखरखाव को दुरुस्त किया जाता है। फाइलों और अन्य सामानों के रखरखाव की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाता है।
- पहले चरण में 50 पंचायतों को आइएसओ प्रमाणपत्र दिलाने के लिये चिह्नित किया जा रहा है। इसमें वैसे पंचायतों को चुना जा रहा है, जहाँ मुखिया या उनकी व्यवस्था एक्टिव हो। इसके लिये सीएसओ से भी सहयोग का आग्रह किया गया है। दूसरे चरण में इसकी संख्या बढ़ायी जाएगी। इसमें कीला का सहयोग लिया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि झारखंड के विधायकों और सीएसओ फोरम के सदस्यों ने हाल ही में केरल का दौरा किया था और वहाँ की पंचायती राज व्यवस्था की जानकारी ली थी