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बिहार के 4 किसानों और 2 किसान समूहों का जीनोम सेवियर पुरस्कार के लिये चयन

  • 25 Aug 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों? 

24 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के 4 किसानों और 2 किसान समूहों को जीनोम सेवियर पुरस्कार के लिये चुना गया है। इन किसानों को केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा 12 सितंबर को दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • यह किसानों के लिये सर्वश्रेष्ठ पुरस्कारों में गिना जाता है। ये सभी किसान और किसान समूह बिहार कृषि विश्वविद्यालय से जुड़े हुये हैं। 
  • इस पुरस्कार में दो किसान समूहों को दस-दस लाख रुपए और चार किसानों को एक-एक लाख रुपए दिये जाएंगे। इसके साथ उन्हें प्रमाणपत्र और प्रशस्तिपत्र दिये जाएंगे। यह पुरस्कार बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) से जुड़े किसानों को पहली बार मिल रहा है। 
  • इसमें एक किसान समूह पुरस्कार भागलपुर के ‘भागलपुर कतरनी धान उत्पादक संघ’को मिलेगा। इस संघ को कतरनी धान की परंपरागत वैरायटी और उसके गुणों को संरक्षित करने के लिये दिया जा रहा है। 
  • वहीं मुजफ्फरपुर के ‘लीची ग्रोवर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार’को शाही लीची की वैरायटी को संरक्षित करने के लिये दिया जाएगा  
  • यह लीची उत्पादक संघ कई वर्षों से शाही लीची के संरक्षण का कार्य कर रहा है, जिसके कारण इसको एक विशेष पहचान मिली है।  
  • वहीं व्यक्तिगत रूप से चार किसानों को सम्मानित किया जाएगा, जिसमें जमुई ज़िले के अर्जुन मंडल को औषधीय पौधों के लिये दिया जाएगा। इनके पास 100 से अधिक प्रजातियों के औषधीय पौधे हैं।  
  • रोहतास ज़िले के अर्जुन सिंह को स्वेता नाम के ‘कद्दू’और ‘नटकी’धान के लिये दिया जा रहा है। नटकी धान की खासियत है कि वह कम बारिश में भी अच्छी उपज देती है और चावल सुपाच्य है।  
  • सासाराम ज़िले के दिलीप कुमार सिंह को ‘गुल्गुशन’नामक टमाटर के संरक्षण के लिये दिया जाएगा। इस टमाटर में अन्य टमाटर की वैरायटी की अपेक्षा औषधीय गुण अधिक है।  
  • मुंगेर ज़िले के सत्यदेव सिंह को ‘टिटुआ मसूर’के संरक्षण के लिये दिया जाएगा। इस वैरायटी की विशेषता यह है कि इसमें रोग प्रतिरोधी क्षमता ज़्यादा है।  
  • बीएयू के पीजीवीएफआरए (पौधा किस्म संरक्षण एवं किसान अधिकार प्राधिकरण) सेल के नोडल पदाधिकारी डॉ. सत्येंद्र ने बताया कि खास किस्म या पुरानी प्रजातियों को, जिनका गुणात्मक महत्त्व ज्यादा हो, वाले पौध के संरक्षण के लिये किसानों को उनके प्रोत्साहन के लिये यह पुरस्कार दिया जाता है। 

  

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