राजस्थान
प्रदेश की चार हस्तियाँ को पद्म श्री से सम्मानित
- 07 Apr 2023
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चर्चा में क्यों?
5 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार (द्वितीय संस्करण) में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान की चार हस्तियों को पद्मश्री से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- पद्म पुरस्कार के दूसरे संस्करण में सामाजिक कार्य, सार्वजनिक जीवन, विज्ञान, अभियांत्रिकी, व्यापार, उद्योग, मेडिसिन साहित्य, शिक्षा, खेल, सिविल सेवा और कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली नामचीन हस्तियों को देश के सर्वश्रेष्ठ नागरिक पुरस्कारों पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
- उल्लेखनीय है कि 25 जनवरी, 2023 को इन पुरस्कारों के विजेताओं के नामों की घोषणा की गई थी। उन विजेताओं को गत 22 मार्च को राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार सम्मान समारोह के पहले संस्करण में पुरस्कार प्रदान किये गए थे। शेष बचे हुए पुरस्कार विजेताओं को अब राष्ट्रपति ने पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया।
- प्रदेश के पुरस्कार प्राप्त करने वालों में गज़ल गायकी और शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन को, सामाजिक कार्य के लिये डूंगरपुर के सामाजिक कार्यकर्त्ता मूलचंद लोढ़ा को और सामाजिक क्षेत्र में ही उत्कृष्ट कार्य हेतु जयपुर के लक्ष्मण सिंह लापोडिया शामिल हैं।
- डूंगरपुर ज़िला के आदिवासी बहुल बांगड़ इलाके से ताल्लुक रखने वाले मूलचंद लोढ़ा आदिवासियों के उत्थान के लिये जागरण जन सेवा मंडल नामक संस्था चलाते हैं। मूलचंद लोढ़ा इस क्षेत्र के आदिवासी और पिछड़े इलाकों में चिकित्सा, शिक्षा और आदिवासियों के कल्याण के लिये पिछले 5 दशक से लगातार कार्य कर रहे हैं। इनके उत्कृष्ट कार्यों के लिये उन्हें वर्ष 2023 का पद्म श्री सम्मान दिया गया है।
- गज़ल गायकी के उस्ताद अहमद हुसैन तथा मोहम्मद हुसैन बंधुओं का पहला एल्बम गुलदस्ता 1980 में रिलीज हुआ था और अभी तक इनके 50 से ज्यादा एल्बम आ चुके हैं। वर्ष 2000 में इनको संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
- हुसैन बंधुओं ने पूरी दुनिया में गज़ल और शास्त्रीय संगीत के चैरिटी शो करके समाज सेवा में भी काफी योगदान दिया है।
- लक्ष्मण सिंह लापोडिया को भी राष्ट्रपति द्वारा पद्म पुरस्कार सम्मान समारोह के पहले संस्करण के दौरान 22 मार्च को पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है।
- उन्होंने जयपुर ज़िले में जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। जल संरक्षण के लिये परंपरागत चौका पद्धति से 5 लाख वर्ग मीटर ज़मीन को सिंचित और उपजाऊ बनाया है। इलाके के करीब 100 गाँवों में जल संरक्षण के लिये उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किये हैं।