तीसरी भारतीय विश्लेषणात्मक कॉन्ग्रेस (IAC) | 06 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के देहरादून में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (CSIR-IIP) में तीसरे भारतीय विश्लेषणात्मक कॉन्ग्रेस (IAC) का उद्घाटन किया गया।
- यह तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सह प्रदर्शनी IAC-2024 है। इसका आयोजन CSIR-IIP और इंडियन सोसायटी ऑफ एनालिटिकल साइंटिस्ट (ISAS-दिल्ली चैप्टर) की ओर से संयुक्त रूप से किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
- सम्मेलन की थीम ‘हरित परिवर्तनों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका’ है।
- तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन विश्लेषणात्मक विज्ञान में उद्योगों, शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों के लिये इस क्षेत्र में प्रचलित तथा आगामी समाधानों को प्रस्तुत करने के लिये एक मंच प्रदान करेगा।
- सम्मेलन में पाँच तकनीकी सत्र होंगे, जिनमें प्रख्यात वक्ताओं की वार्त्ता, शोधकर्त्ताओं की प्रस्तुतियाँ और विशेष तथा पूर्ण सत्र शामिल होंगे।
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)
- परिचय: वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR) भारत का सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास (R&D) संगठन है। CSIR एक अखिल भारतीय संस्थान है जिसमें 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 दूरस्थ केंद्रों, 3 नवोन्मेषी परिसरों और 5 इकाइयों का एक सक्रिय नेटवर्क शामिल है।
- CSIR का वित्तपोषण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किया जाता है तथा यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय के रूप में पंजीकृत है।
- CSIR अपने दायरे में रेडियो एवं अंतरिक्ष भौतिकी (Space Physics), समुद्र विज्ञान (Oceanography), भू-भौतिकी (Geophysics), रसायन, ड्रग्स, जीनोमिक्स (Genomics), जैव प्रौद्योगिकी और नैनोटेक्नोलॉजी से लेकर खनन, वैमानिकी (Aeronautics), उपकरण विज्ञान (Instrumentation), पर्यावरण अभियांत्रिकी तथा सूचना प्रौद्योगिकी तक की एक विस्तृत विषय शृंखला को शामिल करता है।
- यह सामाजिक प्रयासों के संबंध में कई क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण तकनीकी हस्तक्षेप प्रदान करता है जिसमें पर्यावरण, स्वास्थ्य, पेयजल, भोजन, आवास, ऊर्जा, कृषि-क्षेत्र और गैर-कृषि क्षेत्र शामिल हैं।
- स्थापना: सितंबर 1942
- मुख्यालय: नई दिल्ली