नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


उत्तर प्रदेश

28 अनाज गोदामों, साइबर सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर एवं इंटरनेट बैंकिंग तथा कोऑपरेटिव बैंक की 13 नई शाखाओं का लोकार्पण

  • 18 Dec 2021
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

17 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम द्वारा निर्मित 28 अनाज गोदामों, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक मुख्यालय पर साइबर सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर एवं इंटरनेट बैंकिंग, कोऑपरेटिव बैंक की 13 नई शाखाओं का लोकार्पण तथा नाबार्ड से वित्त पोषित 294 पैक्स में कम्प्यूटराइज़ेशन कार्य का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के मुख्यालय भवन तथा ए.सी.एस.टी.आई. के मीटिंग हॉल एवं 32 कक्षों के हॉस्टल के जीर्णोद्धार कार्यों का भी उद्घाटन किया।
  • केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम द्वारा 28 नए गोदाम बनाए हैं। यहाँ लगभग डेढ़ लाख मीट्रिक टन अनाज की वैज्ञानिक तरीके से भंडारण की व्यवस्था होगी। इसके तहत पीलीभीत, मिर्ज़ापुर, बस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, अमरोहा, बिज़नौर, रामपुर, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झाँसी, बदायूँ, बरेली, महराजगंज, भदोही, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कौशांबी और फतेहपुर में भंडार गृह बनाए गए हैं।
  • उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक की 13 नई शाखाओं- फतेहपुर, कानपुर देहात, औरैया, कन्नौज, मथुरा, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, अमरोहा, संभल, अमेठी, अंबेडकरनगर, गोरखपुर तथा महराजगंज का उद्घाटन किया गया है। साथ ही मुख्यालय का लोकार्पण भी किया गया है।
  • कृषि प्रशिक्षण संस्थान हब तथा नाबार्ड के वित्तपोषण से प्रदेश के लगभग 300 पैक्स में कंप्यूटराइज़ेशन का कार्य हुआ है। पैक्स में कम्प्यूटराइज़ेशन से भ्रष्टाचार की संभावनाएँ समाप्त हो जाएंगी। पैक्स को ज़िला कोऑपरेटिव बैंक से, ज़िला कोऑपरेटिव बैंक को स्टेट कोऑपरेटिव बैंक से और स्टेट कोऑपरेटिव बैंक को नाबार्ड से जोड़ा जाएगा।
  • उत्तर प्रदेश सहकारिता विभाग ने लगभग 46,000 से अधिक कोऑपरेटिव्स- गन्ना, मत्स्य, रेशम, खादी ग्रामोद्योग, हैण्डलूम, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, हाउसिंग या पैक्स सभी में पारदर्शिता लाने के लिये बहुत बड़ा अभियान संचालित किया है। इससे आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश को बहुत बड़ा फायदा मिलेगा।
  • ज्ञातव्य है कि 19 प्रतिशत एग्रीकल्चर फाइनेंस, उर्वरक वितरण लगभग 35 प्रतिशत सहकारिता विभाग के माध्यम से किया जाता है। 25 प्रतिशत खाद का उत्पादन सहकारिता समितियों द्वारा किया जाता है। लगभग 22 प्रतिशत दूध की खरीद एवं उत्पादन सहकारिता के माध्यम से होता है। गेहूँ की 22 प्रतिशत खरीद, 20 प्रतिशत धान की खरीद तथा 21 प्रतिशत मत्स्य संबंधी कार्य सहकारिता के माध्यम से किये जाते हैं।
  • लगभग 8 लाख 55 हज़ार सहकारी समितियाँ देश भर में अनेक क्षेत्रों में फैली हैं। यह समितियाँ छोटे-छोटे लोगों को जोड़कर बहुत बड़ा कार्य कर रही हैं। लिज्जत पापड़, अमूल दूध, इफ्को व कृभको खाद एक कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाती हैं।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow