राजस्थान
राजस्थान पुलिस बेड़े में शामिल हुई 25 डिजिटल इंटरसेप्टर
- 25 Jan 2023
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चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सड़क सुरक्षा प्रबंधन के अंतर्गत पुलिस बेड़े में 25 हाईटेक इंटरसेप्टर वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि डिजिटल तकनीक से सुसज्जित इंटरसेप्टर रात्रि में भी गति मापने एवं वाहन नंबर प्लेट पढ़ने में सक्षम हैं। ये वाहन सड़क सुरक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने में कारगर साबित होंगे।
- राज्य सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा कोष से लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से राजस्थान पुलिस को इंटरसेप्टर उपलब्ध कराए गए हैं।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये प्रयासरत है। पुलिस एवं संबंधित विभागों को अत्याधुनिक संसाधनों व जागरूकता अभियानों के लिये वित्तीय स्वीकृतियाँ दी जा रही हैं।
- अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वी. के. सिंह ने बताया कि ये इंटरसेप्टर कॉन्टेक्टलैस एवं कैशलैस इन्फोर्समेंट सुनिश्चित करेंगी। यह उच्च गुणवत्ता वाले हाई डेफिनेशन कैमरा सहित एक किलोमीटर दूरी से वाहनों की गति मापने की क्षमता की स्पीड लेजर गन से लैस है। ये इंटरसेप्टर दिन में 250 मीटर तथा रात में 100 मीटर की दूरी से तेज गति वाले वाहनों के नंबर प्लेट पहचान कर सकेंगी।
- इसके अलावा फोटो-वीडियो लेकर एआई तकनीक से NIC के ITMS सुविधा से ई-चालान जारी करने में भी सक्षम है।
- डिजिटल इंटरसेप्टर में लेजर ट्रैक गति कैमरा के अतिरिक्त 360 डिग्री का कैमरा रिकॉर्डर, श्वास से एल्कोहल की मात्रा मापने की डिवाइस, टिंट मीटर, एलईडी साइनेज, एलईडी लाइटबार, उच्च क्षमता का साइरन तथा पीए सिस्टम उपलब्ध है। इनमें प्राथमिक बचाव और चिकित्सा किट भी उपलब्ध है।
- इनमें 4 इंटरसेप्टर यातायात आयुक्तालय जयपुर, 2-2 उदयपुर, अजमेर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, भीलवाड़ा, 1-1 नागौर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, पाली, अलवर, झुंझुनू,जोधपुर ग्रामीण, झालावाड़, सिरोही और कोटा शहर को दी गई हैं।
- उल्लेखनीय है कि सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में तेज गति एवं नशे में वाहन चलाना शामिल है। राज्य सरकार ने इन्हीं कारणों को ध्यान में रखते हुए पुलिस को इंटरसेप्टर उपलब्ध कराए हैं।