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बिहार

बिहार से जुड़ी दो रेल परियोजनाओं को मंज़ूरी मिली

  • 17 Aug 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?  

16 अगस्त, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने केंद्र सरकार के शत-प्रतिशत वित्तपोषण से रेल मंत्रालय की लगभग 32,500 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली कुल 7 परियोजनाओं को मंज़ूरी प्रदान की, जिसमें बिहार की 2 परियोजनाएँ भी शामिल हैं।  

प्रमुख बिंदु   

  • इन मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं के प्रस्तावों से परिचालन में आसानी होगी और भीड़-भाड़ में कमी आएगी, जिससे भारतीय रेल के अति व्यस्त खंडों पर आवश्यक ढाँचागत विकास संभव हो सकेगा। 
  • 9 राज्यों, अर्थात् उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 35 ज़िलों को कवर करने वाली इन परियोजनाओं से भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में 2339 किमी. की वृद्धि होगी। इसके अलावा राज्यों के लोगों को 7.06 करोड़ मानव दिवसों का रोज़गार उपलब्ध हो सकेगा। 
  • ये खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, फ्लाई-ऐश, लोहा और तैयार इस्पात, क्लिंकर, कच्चा तेल, चूना-पत्थर, खाद्य तेल आदि जैसी विभिन्न वस्तुओं की ढुलाई के लिये आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि संबंधी कार्यों के परिणामस्वरूप अतिरिक्त 200 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) माल की ढुलाई होगी। पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा दक्ष परिवहन का माध्यम होने के कारण, रेलवे जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने और देश की लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने में मदद करेगा। 
  • उत्तर प्रदेश में मौजूदा गोरखपुर छावनी (वाल्मीकि नगर सिंगल लाइन सेक्शन) का 89.264 किमी. और बिहार (पश्चिमी चंपारण) के 6.676 किमी. का दोहरीकरण किया जाएगा।  
  • इसी रूट पर गंडक नदी पर 854 मीटर लंबी पुल भी बनाया जाएगा। 12 स्टेशनों वाला यह ट्रैक नेपाल सीमा के पास से होकर गुज़रेगा। इस ट्रैक के दोहरीकरण के बाद इस रूट पर 15 अतिरिक्त मालगाड़ियाँ चलाई जा सकेंगी।  
  • सोन नगर-अंडाल मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना की लंबाई 375 किमी. होगी। यह लुधियाना-सोननगर रेलखंड का विस्तार है, जिसके अंतर्गत बिहार (गया, औरंगाबाद) में 132.57 किमी, झारखंड (धनबाद, गिरिडीह, हज़ारीबाग, कोडरमा) में 201.608 किमी. और पश्चिम बंगाल (पश्चिम बर्धमान) में 40.35 किमी. लाइन शामिल हैं।   
  • ये परियोजनाएँ मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिये पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो समेकित आयोजना से संभव हो सका है। इनकी बदौलत लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिये निर्बाध कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी। 
  • ये परियोजनाएँ प्रधानमंत्री के नए भारत के विज़न के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में मल्टी-टास्किंग कार्यबल बनाकर क्षेत्र के लोगों को ‘आत्मनिर्भर’बनाएंगी और उनके रोज़गार/स्वरोज़गार के अवसरों में वृद्धि करेंगी।

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