छत्तीसगढ़
सुरक्षित गर्भपात सेवाओं में नवाचार के लिये छत्तीसगढ़ को प्रथम पुरस्कार
- 01 May 2023
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चर्चा में क्यों?
28 अप्रैल, 2023 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित गर्भपात देखभाल पर राष्ट्रीय परामर्श कार्यक्रम (National Consultation on Comprehensive Abortion Care) में छत्तीसगढ़ को सुरक्षित गर्भपात सेवाओं में नवाचार के लिये प्रथम पुरस्कार मिला है।
प्रमुख बिंदु
- मातृत्व स्वास्थ्य के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र अग्रवाल और राज्य सलाहकार अभिलाषा शर्मा रात्रे ने छत्तीसगढ़ की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।
- उल्लेखनीय है कि देश में सुरक्षित गर्भपात सेवाओं की निगरानी के लिये मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) एक्ट लागू किया गया है।
- मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी (संशोधन) एक्ट, 2021 के अनुसार गर्भवती महिला 24 हफ्ते तक गर्भपात करा सकती है। यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म, नाबालिग या गर्भावस्था के दौरान वैवाहिक स्थिति में बदलाव (विधवा और तलाक), शारीरिक रूप से अक्षम और मानसिक रूप से बीमार महिलाओं को गर्भपात की अनुमति है। साथ ही वे महिलाएँ भी गर्भपात करा सकती हैं, जिनके गर्भ में पल रहे भ्रूण में विकृति हो।
- प्रदेश में निजी चिकित्सालयों में सुरक्षित गर्भपात सेवाओं की उपलब्धता एवं एमटीपी एक्ट के पालन की निगरानी के लिये ‘ई-कल्याणी एप’ तैयार किया गया है।
- इस एप के माध्यम से निजी चिकित्सालय अधिनियम के अंतर्गत सेवाएं प्रदान करने के लिये आवेदन कर सकती हैं, जिसकी ज़िला स्तरीय समिति द्वारा समीक्षा कर अनुमति प्रदान की जाती है।
- वर्तमान में प्रदेश में ‘ई-कल्याणी एप’ में 136 निजी चिकित्सालय पंजीकृत हैं, जहाँ एमटीपी एक्ट के तहत सुरक्षित गर्भपात सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। इनके अलावा 193 शासकीय चिकित्सालयों में भी सुरक्षित गर्भपात संबंधी सेवाएँ उपलब्ध हैं।
- राज्य में सुरक्षित गर्भपात सेवाओं के संचालन में आईपास डवेलपमेंट फाउंडेशन (Ipas Development Foundation) द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।