मध्य प्रदेश
महात्मा ज्योतिबा फुले की 195वीं जयंती
- 12 Apr 2022
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चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दमोह में पिछड़ा वर्ग कल्याण के जननायक महात्मा ज्योतिबा फुले की 195वीं जयंती समारोह में विभिन्न घोषणाएँ कीं।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब हर साल महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर शासकीय कर्मचारियों के लिये ऐच्छिक अवकाश रहेगा।
- पिछड़ा वर्ग सहित गरीबों, दलितों के उत्थान तथा बालिकाओं की शिक्षा के लिये महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी धर्मपत्नी सावित्री बाई फुले ने महत्त्वपूर्ण कार्य किये अत: उनके विचारों को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार उनकी जीवनी को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करेगी।
- दमोह ज़िले के लिये स्वीकृत एक सी.एम. राइज स्कूल का नाम महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम पर होगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब प्रत्येक वर्ष महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती को अलग-अलग स्थान पर धूमधाम से मनाया जाएगा। उन्होंने दमोह ज़िले की बटियागढ़ ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का स्वरूप दिये जाने की भी घोषणा की।
- महात्मा ज्योतिबा फुले का पूरा जीवन महिलाओं, गरीबों और किसानों के लिये सघंर्ष में बीता। उन्होंने महिला शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति पैदा की और विधवा विवाह की मुहिम चलाई। यही कारण रहा कि मुंबई में वर्ष 1888 में हुई किसान सभा में उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि दी गई।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विगत तीन वर्षों के मध्य प्रदेश महात्मा ज्योतिबा फुले पिछड़ा वर्ग सेवा राज्य पुरस्कार वितरित किये। वर्ष 2017-18 के लिये डबरा के डॉ. हुकुम सिंह कुशवाह, वर्ष 2018-19 के लिये उमरिया के बी.आर. सातपुते तथा वर्ष 2019-20 के लिये रीवा के आर.एन. पाटिल को 2-2 लाख रुपए के चेक एवं प्रशस्ति-पत्र भेंट किये गए।