बिहार
बिहार के 1890 सरकारी स्कूलों को मिली सोलर पावर
- 25 Nov 2022
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’ के तहत बिहार के 1890 सरकारी स्कूलों में रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- राज्य के इन सरकारी स्कूलों की छत पर जो रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं, वे प्लांट ग्रिड कनेक्टेड हैं।
- दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इन स्कूलों में 1230 विद्यालय ऐसे हैं, जिनका स्वीकृत विद्युत भार दो किलोवाट पीक है।
- उन्होंने बताया कि जिन ज़िलों में शिक्षा भवन का निर्माण किया जा चुका है, वहाँ बुनियादी विद्यालय एवं कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों की छत पर रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे।
- बिहार अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (ब्रेडा) के निदेशक ने बताया कि पाँच किलोवाट पीक से ऊपर स्वीकृत विद्युत भार का कनेक्शन जिन भवनों में हैं, वहाँ थ्री फेज कनेक्शन लेना अनिवार्य है तथा यह कनेक्शन ब्रेडा लगाएगा।
- बैठक में निर्णय लिया गया कि डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (डाइट) के प्रशासनिक भवनों में 15 किलोवाट पीक का हाइब्रीड सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा। इसके अलावा अन्य भवनों पर ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप पावर प्लांट भी लगाए जाएंगे।
- बैठक में ब्रेडा निदेशक ने शिक्षा विभाग के अफसरों से अनुरोध किया कि जिन विद्यालयों में दो किलोवाट पीक से कम विद्युत भार का कनेक्शन है, वहाँ उपभोक्ता संख्या बताई जाए, ताकि ज़िले की एजेंसी को बताया जा सके।
- बैठक में बताया गया कि शिक्षा विभाग के सभी स्कूलों एवं अन्य भवनों में सोलर पॉवर प्लांट लगाए जाएंगे। इसके अलावा आईआईटी पटना बिहार के 50 मॉडल उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अत्याधुनिक विज्ञान लैब स्थापित करेगा।
- मॉडल विज्ञान लैब की स्थापना दो चरणों में की जानी है। प्रथम चरण में पटना ज़िले के सात उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एक करोड़ पाँच लाख रुपए की लागत से विज्ञान लैब स्थापित की जाएगी तथा दूसरे चरण में शेष 43 लैब स्थापित की जाएगी। प्रत्येक ज़िले में कम से कम एक मॉडल लैब जरूर स्थापित की जानी है।