उत्तराखंड
उत्तराखंड के 18 उत्पादों को मिलेगा जीआई टैग
- 12 Sep 2023
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चर्चा में क्यों?
11 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने जीआई महोत्सव की तैयारियों को लेकर हुई बैठक में बताया कि स्थानीय उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिये पहली बार उत्तराखंड में 17 से 21 नवंबर तक भौगोलिक संकेतांक (जीआई) महोत्सव आयोजित किया जाएगा। जल्द ही राज्य के 18 उत्पादों को जीआई टैग मिलेगा।
प्रमुख बिंदु
- कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि, बागवानी, नाबार्ड, उद्योग, सांस्कृतिक विभाग, सहकारिता, ग्राम्य विकास, पर्यटन विभाग के सहयोग से महोत्सव बनाया जाएगा। जीआई महोत्सव में केंद्र सरकार की ओर से उत्पादों के प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
- कृषि मंत्री ने महोत्सव में कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर को शामिल करने के निर्देश दिये। इसके अलावा महोत्सव में छात्र- छात्राओं को जीआई टैग से संबंधित प्रतियोगिता और रैली निकाली जाएगी।
- इस महोत्सव का आयोजन केंद्र सरकार के जीआई रजिस्ट्री विभाग की ओर से देहरादून में किया जाएगा।
- विदित है कि राज्य के तेजपात, बासमती चावल, भोटिया दन, ऐपण कला, च्यूरा ऑयल, मुन्स्यारी की राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, ताम्र उत्पाद, थुलमा को जीआई टैग मिल चुका है।
- राज्य के जिन 18 स्थानीय उत्पादों को जीआई टैग मिलेगा, वे हैं : मंडुवा, झंगोरा, गहत, लाल चावल, काला भट्ट, माल्टा, चौलाई, रामदाना, अल्मोड़ा की लखौरी मिर्च, पहाड़ी तोर दाल, बुरांश शरबत, आडू, लीची, बेरीनाग चाय, माल्टा, नेटल फाइबर, नैनीताल की मोमबत्ती, कुमाऊंनी पिछौड़ा, चमोली का मुखौटा तथा काष्ठ कला।