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छत्तीसगढ़

गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की 13 यूनिट शुरू

  • 20 Feb 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

19 फरवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिये स्थापित गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिये 13 यूनिटें शुरू हो चुकी हैं।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिये स्थापित गौठान तेजी से ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित होने लगे हैं। गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया जा रहा है।
  • फिलहाल 21 ज़िलों के 32 चिन्हित गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट स्थापना अंतिम चरण में है, जहाँ शीघ्र ही प्राकृतिक पेंट का उत्पादन होने लगेगा।
  • गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिये कुल 45 पेंट उत्पादन यूनिट की स्वीकृति दी गई है, जिसमें 13 की स्थापना पूरी कर वहाँ उत्पादन शुरू कर दिया गया है।
  • रायपुर ज़िले में 2 यूनिट स्थापित हुई हैं, जबकि कांकेर, दुर्ग, बालोद, कोरबा, कोरिया, कोण्डागाँव, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बेमेतरा, सूरजपुर एवं बस्तर ज़िले में 1-1 यूनिट स्थापित एवं क्रियाशील हो चुकी है।
  • क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 30,218 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 14,358 लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 29 लाख 70 हज़ार 300 रुपए की आय हुई है।
  • रायपुर ज़िले की 2 यूनिटों में अब तक सर्वाधिक 11 हज़ार लीटर, कांकेर में 7768 लीटर, दुर्ग में 2900, बालोद में 700, कोरबा में 284, कोरिया में 800, कोण्डागाँव में 2608, दंतेवाड़ा में 1443, बीजापुर में 800, बेमेतरा में 300, सूरजपुर में 500 एवं बस्तर में 1160 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन हुआ है। उत्पादित पेंट का विक्रय भी किया जा रहा है।  
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