छत्तीसगढ़ में 1.70 लाख बच्चे कुपोषण से मुक्त | 08 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
6 मार्च, 2022 को एक आधिकारिक संचार में बताया गया कि छत्तीसगढ़ में ‘मुख्यमंत्री पोषण अभियान’एवं अन्य विभिन्न योजनाओं के चलते पिछले तीन वर्षों में लगभग 1.70 लाख बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2016 से 2022 तक महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित ‘वज़न त्योहार’ (वेट फेस्टिवल) के आँकड़ों के अनुसार, कुपोषण की दर में 10.27 प्रतिशत की गिरावट आई है। बाल कुपोषण की दर 30.13 प्रतिशत से घटकर केवल 19.86 प्रतिशत रह गई है।
- ‘वज़न त्योहार’के तहत विभाग एक विशेष अवधि में सभी बच्चों का वज़न लेता है और वज़न उत्सव के दौरान पोषण स्तर निर्धारित करता है। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि वेट फेस्टिवल का डेटा बाहरी एजेंसियों द्वारा भी सत्यापित किया जाए।
- दूसरी ओर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आँकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुपोषण राष्ट्रीय औसत से कम है। कुपोषण का राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत है जबकि छत्तीसगढ़ में यह 31.3 प्रतिशत है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, छत्तीसगढ़ में बच्चों में कुपोषण का स्तर गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, झारखंड और बिहार राज्यों की तुलना में कम है।
- इसके अलावा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 2015-16 के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर 37.7 प्रतिशत थी जबकि उस समय राष्ट्रीय औसत दर 35.8 प्रतिशत थी।
- उल्लेखनीय है कि राज्य में 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों में व्याप्त कुपोषण एवं एनीमिया तथा 15 से 49 वर्ष आयु की महिलाओं में व्याप्त एनीमिया को खत्म करने एवं उनके पोषण स्तर में सकारात्मक सुधार हेतु 2 अक्टूबर, 2019 को ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ आरंभ किया गया था।