मुख्यमंत्री ने सेहत बाज़ार’मिलेट्स कैफे का शुभारंभ किया | 09 Aug 2023
चर्चा में क्यों?
8 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के जगदलपुर में दलपत सागर के सामने नव-निर्मित ‘सेहत बाज़ार’मिलेट्स कैफे का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कैफे संचालक महिलाओं से चर्चा कर मिलेट्स से बने उत्पादों की सराहना की और उन्हें शुभकामना स्वरूप 5 हज़ार रुपए की राशि प्रदान की।
- सेहत बाज़ार का संचालन मॉम्स फूड संस्था जगदलपुर द्वारा किया जा रहा है। इस कैफे में ज़रूरतमंद महिलाएँ, जो पूर्व में टिफिन बनाने का कार्य करती थी, उनके द्वारा संचालन किया जाएगा।
- इस कैफे में रागी चीला, रागी डोसा, रागी इडली, रागी उपमा, रागी पकौड़ा, रागी पूरी, रागी खिचड़ी, महुआ चाय, काढ़ा चाय इत्यादि पौष्टिक खाद्य सामग्री की सुविधा उपलब्ध होगी। लोगों के लिये यहाँ स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर व्यंजनों की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आदिवासी इलाकों में मोटे अनाज, जैसे- रागी, कोदो, कुटकी का पहले से ही प्रयोग किया जाता रहा है। यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत फायदेमंद है, इसलिये अब दूसरे इलाकों में भी इन अनाज का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है।
- इन मिलेट्स में पोषक तत्त्वों भी होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिये बहुत लाभप्रद होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कोदो, कुटकी और रागी को प्रोटीन एवं विटामिन युक्त अनाज माना गया है। इसके सेवन से शुगर, बीपी जैसे रोगों में लाभ मिलता है।
- सरगुजा और बस्तर की आदिवासी संस्कृति एवं खानपान में कोदो, कुटकी, रागी जैसी फसलों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। मोटे अनाजों में कुटकी में आयरन एन्टीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह एनीमिया रोगी के लिये भी लाभदायक होता है तथा इसके सेवन से मोटापा नहीं होता।
- मोटे अनाज कोदो की विशेषता है कि यह पेट में नमी बनाए रखता है। इससे ब्लड सरकुलेशन बेहतर होता है तथा इसके सेवन से कैंसर की संभावना कम हो जाती है।
- रागी कैल्सियम और आयरन से भरपूर होता है। यह मधुमेह एवं एनीमिया रोगी के लिये लाभकारी होता है।
- ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहाँ कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ-साथ इसके वैल्यू एडिशन का काम भी किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा कोदो-कुटकी की खरीदी समर्थन मूल्य पर 3 हज़ार रुपए प्रति क्विंटल तथा रागी की खरीदी 3 हज़ार 377 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है।
- विदित है कि राज्य में मिलेट की खेती को प्रोत्साहन, किसानों को प्रशिक्षण, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता तथा उत्पादकता में वृद्धि के लिये मिलेट मिशन के अंतर्गत 14 ज़िलों हेतु आईआईएमआर हैदराबाद के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रयास से त्रिपक्षीय एमओयू भी किया गया है, ताकि मिलेट की उत्पादकता को दोगुना किया जा सके।
- मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवॉर्ड 2022 सम्मान प्राप्त हो चुका है।