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अयोध्या के बाद अब विकसित होगा, सीता जन्मस्थली मिथिला का पुनौरा धा

  • 16 Nov 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2023 को बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी ज़िला के पुनौरा धाम को बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा विकसित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि पुनौरा धाम को विकसित करने के संबंध में राज्य पर्यटन विकास निगम ने टेंडर निकाला है। टेंडर की पूरी प्रक्रिया दिसंबर के अंत तक पूरी हो जाएगी। वहीं, योजना पूरा करने की अवधि 24 महीने निर्धारित की गई है।
  • पुनौरा धाम विकास योजना पर 67.39 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा और इसका कार्यान्वयन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की ओर से किया जाएगा।
  • राज्य सरकार पुनौरा धाम को पर्यटन के अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने का प्रयास कर रही है। यहाँ सभी तरह की जरूरी सुविधाओं का विकास होगा। इसके बाद यह जन्मस्थली धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा। पूरे देश-दुनिया से भी यहां श्रद्धालु पहुँचेंगे।
  • विदित हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हाल ही में कैबिनेट की बैठक में सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता सीता के जन्मस्थान के विकास के लिये 72 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई थी।
  • योजना के अनुसार 72 करोड़ की राशि से पुनौरा धाम को विश्वस्तरीय सुविधा से लैश और सुसज्जित किया जाएगा। इसके तहत कॉलमयुक्त कोलोनेड परिक्रमा पथ का निर्माण, सीता वाटिका, लव-कुश वाटिका, जानकी महोत्सव क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
  • मंदिर परिसर में सुंदर वास्तुशिल्प से सुसज्जित दीवारें होंगी। मंडप व आंतरिक सड़क का निर्माण किया जाएगा। मंदिर में आने वाले स्थानीय व बाहरी श्रद्धालुओं के वाहनों लगाने के लिये अत्याधुनिक पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा पर्यटकों की सुविधा के लिये आवासन, खान-पान आदि की भी व्यवस्था की जाएगी।
  • मंदिर परिसर में माता सीता पर आधारित थ्रीडी एनिमेशन शो का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही डिस्प्लेकियोस्क व पाथ-वे भी बनाया जाएगा। बच्चों के लिये अलग सेप्लेएरिया डेवलप किया जाएगा, जिससे बच्चे खेल-खेल में माता सीता के संबंध में जानकारी प्राप्त करें।
  • पूरे मंदिर परिसर में बेहतर भित्ति चित्रकला, मूर्तिकला एवं अन्य कलात्मक कार्य किये जाएंगे, जिससे कि पर्यटक आकर्षित हों। इन कलाओं के माध्यम से माता सीता के जीवन की भी जानकारी होगी। साथ ही, लैंडस्केपिंग व थिमेटिक गेट भी बनाएँ जाएँगे।

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