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Sambhav-2025

  • 21 Dec 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    दिवस-18: एक मज़बूत मराठा राज्य की स्थापना में प्रशासन, युद्ध और सांस्कृतिक पुनरुत्थान में शिवाजी महाराज की नीतियों की भूमिका का मूल्यांकन कीजिये। (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • कर्नाटक युद्धों का संक्षिप्त संदर्भ प्रस्तुत कीजिये।
    • रणनीतिक और राजनीतिक परिणामों को मुख्य बिंदुओं द्वारा स्पष्ट कीजिये।
    • ब्रिटिश उपनिवेशी महत्त्वाकांक्षाओं के लिये इन युद्धों के महत्त्व पर निष्कर्ष निकालिये।

    परिचय:

    खंडित राजनीतिक परिदृश्य और मुगल साम्राज्य के प्रभुत्व के बीच, शिवाजी ने एक स्वतंत्र तथा सशक्त मराठा राज्य का निर्माण किया। प्रशासन, युद्ध और सांस्कृतिक पुनरुत्थान में उनकी नीतियों ने मराठा साम्राज्य को भारतीय इतिहास में एक दुर्जेय शक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    मुख्य भाग:

    प्रशासनिक नीतियाँ:

    • विकेंद्रीकृत शासन और कुशल प्रशासन: आठ मंत्रियों की परिषद, अष्ट प्रधान की स्थापना ने राजस्व संग्रह, सैन्य मामलों, विदेश नीति और न्याय सहित विभिन्न सरकारी कार्यों के सुचारु संचालन को सुनिश्चित किया।
    • कुशल राजस्व और कराधान प्रणाली: शिवाजी ने कृषि भूमि की उपज का सही आकलन करने के लिये भूमि सर्वेक्षण कराया और कर को वास्तविक उत्पादन के आधार पर निर्धारित किया, जिससे यह प्रणाली किसानों के लिये अधिक निष्पक्ष और व्यवहारिक बनी।
    • चौथ (राजस्व का एक-चौथाई कर) और सरदेशमुखी (10% का अतिरिक्त कर) की शुरुआत मराठा राज्य की वित्तीय स्थिरता के लिये महत्त्वपूर्ण बन गई।
    • इन करों के माध्यम से शिवाजी को अपने सैन्य अभियानों और प्रशासनिक आवश्यकताओं के लिये धन प्राप्त हुआ, साथ ही इनसे उनकी प्रजा की वफादारी भी सुनिश्चित हुई।
    • योग्यता आधारित नौकरशाही: शिवाजी के प्रशासन की विशेषता यह थी कि अधिकारियों की नियुक्ति वंशानुगत पदों के बजाय योग्यता के आधार पर की जाती थी।

    सैन्य नीतियाँ और रणनीतियाँ:

    • गुरिल्ला युद्ध: पश्चिमी घाट के कठिन भू-भाग का उपयोग करते हुए, उन्होंने बहुत बड़ी मुगल सेना पर आश्चर्यजनक हमले किये।
      • घात लगाकर हमला करने और तीव्र हमलों की शिवाजी की रणनीति ने दुश्मन की बड़ी तथा धीमी संरचनाओं को बाधित कर दिया, जिससे उनकी छोटी सेनाएँ तीव्र तथा प्रभावशाली बनी रहीं।
    • नौसैनिक शक्ति: उन्होंने पश्चिमी तटरेखा को विदेशी आक्रमणों, विशेष रूप से पुर्तगालियों और डचों से बचाने के लिये एक नौसेना की स्थापना की, साथ ही मराठा व्यापार मार्गों की भी सुरक्षा की।
    • किलेबंदी की रणनीति: उन्होंने समुद्र तट के साथ-साथ रणनीतिक अंतर्देशीय स्थानों जैसे रायगढ़, सिंहगढ़ और प्रतापगढ़ में किलों का एक नेटवर्क बनाया।
      • ये किले प्रशासन, रक्षा और सैन्य रणनीति के केंद्र बन गए, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि मराठों का महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों पर नियंत्रण बना रहे।

    सांस्कृतिक पुनरुत्थान और नीतियाँ:

    • मराठी संस्कृति को बढ़ावा: उन्होंने प्रशासन की भाषा के रूप में मराठी के उपयोग को प्रोत्साहित किया और मराठी साहित्य, संगीत तथा कला को बढ़ावा दिया।
    • क्षेत्रीय गौरव पर आधारित सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देकर शिवाजी ने न केवल अपने लोगों की एकता को मज़बूत किया बल्कि राष्ट्रीय पहचान की भावना भी उत्पन्न की।
    • धार्मिक सहिष्णुता: शिवाजी की नीतियाँ हिंदवी स्वराज्य (स्व-शासन) के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का भी प्रतिबिंब थीं, जो मुगल साम्राज्यवाद के विरोध में हिंदू संप्रभुता की स्थापना करना चाहती थी।
    • शिवाजी की धार्मिक सहिष्णुता की नीति ने उन्हें विभिन्न समुदायों की निष्ठा और समर्थन प्राप्त करने में मदद की।

    निष्कर्ष:

    शिवाजी महाराज की विरासत न केवल मराठों के लिये बल्कि पूरे भारत के लिये महत्त्वपूर्ण है। उनके शासन के तरीके, सैन्य रणनीति और सांस्कृतिक पुनरुत्थान ने उनके उत्तराधिकारियों के तहत मराठा साम्राज्य के विस्तार की नींव रखी। वे लचीलेपन, नेतृत्व और स्वशासन के अग्रदूत के प्रतीक बने हुए हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को स्वतंत्रता तथा क्षेत्रीय संप्रभुता के लिये लड़ने हेतु प्रेरित करते हैं।

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