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Sambhav-2025

  • 11 Dec 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    दिवस- 9: अन्य महाजनपदों की तुलना में मगध साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप में प्रमुख राजनीतिक शक्ति के रूप में किस प्रकार उभरा? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिये। (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • प्रश्न के संदर्भ में उत्तर की शुरुआत कीजिये। 
    • मगध के प्रभुत्व में योगदान देने वाले विभिन्न कारकों पर चर्चा कीजिये।
    • उचित निष्कर्ष निकालिये।

    परिचय:

    भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित एक प्राचीन साम्राज्य मगध ने महाजनपद काल (600 ईसा पूर्व से 324 ईसा पूर्व) के दौरान राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। महाजनपद काल के दौरान मगध साम्राज्य का उदय भौगोलिक, राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य कारकों के संयोजन से प्रभावित था। 

    मुख्य भाग:

    मगध के प्रभुत्व में योगदान देने वाले विभिन्न कारक इस प्रकार हैं:

    • भौगोलिक स्थिति: मगध की भौगोलिक स्थिति, जो उपजाऊ गंगा के मैदानों में स्थित थी, ने इसे कृषि समृद्धि और व्यापार एवं वाणिज्य के लिये एक रणनीतिक स्थिति प्रदान की। इसके अतिरिक्त, सबसे समृद्ध लौह भंडार भी मगध के आस-पास के क्षेत्रों में स्थित थे, जिससे इसे सैन्य और आर्थिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण लाभ मिला।
    • कृषि समृद्धि: गंगा के मैदानों की उपजाऊ मिट्टी ने प्रचुर मात्रा में कृषि उत्पादन को संभव बनाया। अधिशेष खाद्य संसाधनों ने मगध की आर्थिक स्थिरता में योगदान दिया, बढ़ती आबादी का समर्थन किया और शहरी केंद्रों के विकास को बढ़ावा दिया।
    • महत्त्वाकांक्षी शासक: इस अवधि के दौरान सबसे बड़े राज्य के रूप में मगध का उदय कई उद्यमी और महत्त्वाकांक्षी शासकों जैसे बिंबिसार, अजातशत्रु एवं महापद्म नंद का कार्य था।
    • विवाह संधियाँ: मगध ने रणनीतिक रूप से पड़ोसी राज्यों के साथ विवाह संधियाँ बनाईं। मगध के शुरुआती शासकों में से एक, राजा बिंबिसार को उनके कूटनीतिक कौशल और विवाह संधियों के लिये जाना जाता है, जिससे सत्ता को सशक्त करने एवं राज्य के प्रभाव को बढ़ाने में मदद मिली।
    • सैन्य शक्ति: मगध के शासकों ने सैन्य शक्ति का प्रभावी प्रदर्शन किया और विस्तारवादी नीति अपनाई, जिसने मगध को एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। मगध वह पहला राज्य था जिसने युद्धों में बड़े पैमाने पर हाथियों का उपयोग किया, जो उनकी सैन्य ताकत और रणनीतिक दृष्टि को दर्शाता है।
    • सामरिक सुरक्षा: मगध के शासकों ने साम्राज्य को बाहरी खतरों से बचाने के लिये किलेबंदी और सैन्य बुनियादी ढाँचे सहित सामरिक सुरक्षा में निवेश किया। इससे क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिली।

    निष्कर्ष

    मगध का प्रभुत्व उसके संसाधनों, नेतृत्व और सैन्य रणनीति के प्रभावी उपयोग से उत्पन्न हुआ था। इस विरासत ने न केवल प्रतिद्वंद्वी राज्यों को परास्त किया, बल्कि मौर्य जैसे बाद के साम्राज्यों की नींव भी रखी, जिसने भारत के राजनीतिक विकास को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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