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Sambhav-2025

  • 26 Feb 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    दिवस- 75: सकल मूल्य वर्द्धित (GVA) की अवधारणा क्या है और आर्थिक गतिविधि के आकलन में इसका क्या महत्त्व है? साथ ही, यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) से किस प्रकार भिन्न होता है? (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • सकल मूल्य वर्द्धन (GVA) को परिभाषित कीजिये तथा आर्थिक गतिविधि को मापने में इसका महत्त्व बताइये।
    • सूत्र और उदाहरण सहित समझाइये कि GVA सकल घरेलू उत्पाद (GDP) से किस प्रकार भिन्न है।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    सकल मूल्य वर्द्धन (GVA) इनपुट की लागत को समायोजित करने के बाद अर्थव्यवस्था में आर्थिक गतिविधियों द्वारा उत्पन्न कुल मूल्य को दर्शाता है। यह एक प्रमुख संकेतक है जिसका उपयोग विभिन्न स्तरों पर क्षेत्रीय योगदान, आर्थिक विकास और उत्पादकता को मापने के लिये किया जाता है।

    मुख्य भाग:

    आर्थिक गतिविधि मापने में GVA का महत्त्व:

    • अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादकों द्वारा सृजित अतिरिक्त मूल्य की गणना करके कुल आर्थिक योगदान को मापा जाता है।
    • यह क्षेत्रीय विश्लेषण का एक उपकरण है, जो सरकारों और नीति-निर्माताओं को यह समझने में सहायता करता है कि कौन-से उद्योग विस्तार कर रहे हैं एवं कौन-से संकुचित हो रहे हैं।
    • यह क्षेत्रीय स्तर पर आर्थिक उत्पादन का अधिक सटीक आकलन प्रदान करता है, क्योंकि इसमें केवल उत्पादकों द्वारा जोड़ा गया वास्तविक मूल्य शामिल होता है, न कि उत्पाद कर और सब्सिडी।
    • राष्ट्रीय खातों के लिये आवश्यक, क्योंकि यह सकल घरेलू उत्पाद की गणना के लिये आधार प्रदान करता है।
    • नीति-निर्माण में मदद करता है, जैसा कि भारत की आर्थिक योजना में देखा गया है, जहाँ बाधाओं की पहचान करने के लिये GVA वृद्धि का विश्लेषण किया जाता है। (उदाहरण के लिये, वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में भारत की GVA वृद्धि 7.3% थी, जो मज़बूत आर्थिक सुधार का संकेत देती है।)
    • वैश्विक तुलना में इसका उपयोग किया जाता है, क्योंकि विश्व बैंक, IMF और OECD जैसे संगठन अंतर-देशीय आर्थिक आकलन के लिये GVA का उपयोग करते हैं।

    GVA और GDP के बीच अंतर:

    • GVA उत्पादकों द्वारा जोड़े गए मूल्य को मापता है, जबकि GDP में शुद्ध कर (अप्रत्यक्ष कर - सब्सिडी) शामिल होते हैं
    • सूत्र:
      • GDP = GVA + शुद्ध कर (अप्रत्यक्ष कर - सब्सिडी)
    • GVA की गणना बुनियादी कीमतों पर की जाती है, जबकि GDP को बाज़ार मूल्यों पर मापा जाता है
    • GVA क्षेत्रवार प्रदर्शन (जैसे- कृषि, विनिर्माण, सेवाएँ) के अध्ययन के लिये अधिक प्रासंगिक है, जबकि GDP का उपयोग समग्र राष्ट्रीय आर्थिक उत्पादन को मापने के लिये किया जाता है
    • उदाहरण: यदि भारत का GVA ₹200 लाख करोड़ है और शुद्ध कर ₹10 लाख करोड़ है, तो GDP ₹210 लाख करोड़ होगी।
    • सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अंतर्राष्ट्रीय तुलना के लिये उपयोगी है, लेकिन घरेलू आर्थिक नियोजन के लिये GVA अधिक सटीक है

    निष्कर्ष:

    GVA एक प्रमुख आर्थिक संकेतक है जो क्षेत्रीय विकास और उत्पादकता का व्यापक और सटीक मूल्यांकन प्रदान करता है। जबकि सकल घरेलू उत्पाद समग्र आर्थिक आकार को मापने के लिये मानक बना हुआ है, GVA क्षेत्रवार योगदान और रुझानों को उजागर करके बेहतर आर्थिक योजना बनाने की अनुमति देता है।

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