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18 Dec 2024
सामान्य अध्ययन पेपर 1
इतिहास
दिवस-15: विदेशी यात्रियों द्वारा दिये गए विवरणों और विजयनगर साम्राज्य के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं पर उनकी अंतर्दृष्टि का विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)
उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- विजयनगर साम्राज्य की यात्रा करने वाले विदेशी यात्रियों का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
- विजयनगर साम्राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर उनकी अंतर्दृष्टि पर चर्चा कीजिये।
- इन विदेशी यात्रियों की सीमाओं का उल्लेख कीजिये।
- उचित रूप से निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
विजयनगर साम्राज्य (14वीं से 17वीं शताब्दी) दक्षिण भारत के सबसे शक्तिशाली और समृद्ध साम्राज्यों में से एक था। विजयनगर साम्राज्य ने कई विदेशी यात्रियों का ध्यान आकर्षित किया, जिनमें निकोलो डी'कोंटी, अब्दुर रज्जाक, डोमिंगो पेस और फर्नाओ नून्स शामिल थे। इन यात्रियों ने विजयनगर के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिदृश्य के विषय में आवश्यक जानकारी प्रदान की।
मुख्य भाग:
सामाजिक पहलू
- समाज और पदानुक्रम: विदेशी यात्रियों ने विजयनगर समाज की अत्यधिक स्तरीकृत प्रकृति पर ध्यान दिया।
- डोमिंगो पेस ने कठोर जाति व्यवस्था और विभिन्न समुदायों की भूमिकाओं का वर्णन किया।
- समाज में महिलाओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। पेस ने विजयनगर के त्योहारों और अनुष्ठानों में महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख किया, जो उस समय के सामाजिक जीवन में उनके सक्रिय योगदान को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, अन्य विदेशी यात्रियों ने महिलाओं को उच्च पदों पर देखने के उदाहरण भी दिये, जो समाज में उनके प्रभाव और सम्मान का प्रतीक था।
- धार्मिक प्रथाएँ: विजयनगर साम्राज्य मुख्यतः हिंदू था और अब्दुर रज्जाक जैसे यात्री लोगों की भक्ति तथा मंदिरों की भव्यता पर आश्चर्यचकित होते थे।
- हिंदू प्रभुत्व के बावजूद, धार्मिक सहिष्णुता के प्रमाण मौजूद थे, क्योंकि मुस्लिम और अन्य समुदाय साम्राज्य के भीतर शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में थे।
आर्थिक पहलू
- कृषि और सिंचाई: विदेशी यात्रियों के विवरण विजयनगर अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्त्व को दर्शाते हैं।
- नहरों और तालाबों सहित विस्तृत सिंचाई प्रणालियों ने उपजाऊ भूमि को समर्थन दिया तथा खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया।
- व्यापार और वाणिज्य: निकोलो डी कोंटी और डोमिंगो पेस जैसे यात्रियों ने हलचल भरे बाज़ारों एवं संपन्न व्यापार नेटवर्क का विशद वर्णन किया है।
- उन्होंने यह पाया कि गोवा, भटकल और मैंगलोर जैसे बंदरगाह मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया तथा यूरोप के साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख केंद्र थे।
- धन और समृद्धि: डोमिंगो पेस और फर्नाओ नून्स ने विजयनगर की समृद्धि का उल्लेख किया, जिसमें सोने से भरे खज़ाने, भव्य महल तथा जीवंत बाज़ार शामिल थे। यह संपत्ति साम्राज्य की मज़बूत आर्थिक नींव का प्रतीक थी।
सांस्कृतिक पहलू
- वास्तुकला और शहरी नियोजन: अब्दुर रज्जाक और अन्य यात्रियों ने विजयनगर की स्थापत्य कला की प्रशंसा की, विशेष रूप से विट्ठल मंदिर और हजारा राम मंदिर जैसे मंदिरों की।
- विजयनगर शहर (आधुनिक हम्पी) अपनी शहरी योजना के लिये प्रसिद्ध था, जिसमें किलेबंदी, बाज़ार और सार्वजनिक स्थान शामिल थे।
- त्योहार और अनुष्ठान: डोमिंगो पेस ने महानवमी सहित भव्य त्योहारों का वर्णन किया, जो साम्राज्य की सांस्कृतिक जीवंतता को प्रदर्शित करते थे।
- इन त्योहारों में संगीत, नृत्य और जुलूस शामिल थे, जो लोगों की आध्यात्मिक तथा सामाजिक एकजुटता को दर्शाते थे।
चुनौतियाँ और सीमाएँ
- सांस्कृतिक पूर्वाग्रह: कई विदेशी यात्रियों ने अपने स्वयं के सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विजयनगर साम्राज्य के विषय में लिखा, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी गलत व्याख्याएँ या अतिशयोक्तिपूर्ण विवरण सामने आए।
- व्यापक कवरेज का अभाव: इन लेखों में अक्सर साम्राज्य और शाही दरबार की भव्यता पर ध्यान केंद्रित किया जाता था, जबकि आम लोगों या ग्रामीण क्षेत्रों के रोज़मर्रा के जीवन की उपेक्षा की जाती थी।
- अतिशयोक्ति और त्रुटियाँ: कुछ विवरणों में अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन थे, विशेष रूप से धन और समृद्धि के संबंध में, जो ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुरूप नहीं थे।
निष्कर्ष:
विदेशी यात्रियों के विवरण विजयनगर साम्राज्य की सामाजिक सद्भावना, आर्थिक समृद्धि और सांस्कृतिक समृद्धि को उजागर करते हैं। उनके अवलोकन साम्राज्य की दक्षिण भारत में एक प्रमुख राजनीतिक और सांस्कृतिक शक्ति के रूप में भूमिका को रेखांकित करते हैं। स्वदेशी और विदेशी दृष्टिकोणों का संयोजन हमें विजयनगर साम्राज्य की स्थायी विरासत की गहरी समझ प्राप्त करने में मदद करता है