प्रश्न.1 भारत में केंद्रशासित प्रदेशों (UTs) के निर्माण एवं विकास के पीछे के तर्क का विश्लेषण कीजिये। प्रशासन और शासन की दृष्टि से ये सामान्य राज्यों से किस प्रकार भिन्न हैं? (250 शब्द)
06 Dec 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण:
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परिचय:
भारत के केंद्रशासित प्रदेश (UTs) ऐसे प्रशासनिक प्रभाग हैं जो प्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार द्वारा शासित होते हैं। यह व्यवस्था उन राज्यों के विपरीत है जिनकी अपनी निर्वाचित सरकारें होती हैं। केंद्रशासित प्रदेश विभिन्न ऐतिहासिक, राजनीतिक और भौगोलिक कारणों से बनाए गए थे।
मुख्य भाग:
केंद्रशासित प्रदेशों के विकास हेतु ज़िम्मेदार कारक:
केंद्र शासित प्रदेश निम्नलिखित तरीकों से प्रशासन और शासन के मामले में राज्यों से भिन्न हैं:
राज्य | केंद्रशासित प्रदेश |
केंद्र के साथ इनका संबंध संघीय होता है। | केंद्र के साथ इनका संबंध एकात्मक होता है। |
केंद्र के साथ इनका शक्तियों का पृथक्करण होता है। | ये केंद्र के साथ शक्तियों को साझा करते हैं। |
इन्हें स्वायत्तता होती है। | इन्हें स्वायत्तता नहीं होती है। |
इनके कार्यकारी प्रमुख को राज्यपाल कहा जाता है। | उनके कार्यकारी प्रमुख को विभिन्न पदनामों से जाना जाता है - प्रशासक या लेफ्टिनेंट गवर्नर या मुख्य आयुक्त। |
राज्यपाल, राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है। | प्रशासक, राष्ट्रपति का एजेंट होता है। |
असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर संसद राज्यों के संबंध में राज्य सूची के विषयों पर कानून नहीं बना सकती है। | संसद, केंद्रशासित प्रदेशों के संबंधों को छोड़कर राज्यों के संबंध में तीन सूचियों (राज्य सूची) में से किसी भी विषय पर कानून बना सकती है। |
निष्कर्ष:
भारत में केंद्रशासित प्रदेशों का विकास विविध ऐतिहासिक, रणनीतिक और प्रशासनिक चुनौतियों से निपटने के लिये शासन के व्यावहारिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। केंद्रशासित प्रदेश की राज्यों से कुछ समानताएँ हैं लेकिन इनकी अनूठी विशेषताएँ, शासन संरचनाएँ और केंद्र सरकार के साथ संबंध, इन्हें भारत के प्रशासनिक ढाँचे के तहत एक अलग श्रेणी के रूप में वर्गीकृत करते हैं।