Sambhav-2024

दिवस 95

Q1. भारत में अंतरिक्ष उद्यमिता एवं नवाचार को बढ़ावा देने में IN-Space फ्रेमवर्क के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

08 Mar 2024 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | विज्ञान-प्रौद्योगिकी

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • IN-Space का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
  • अंतरिक्ष उद्यमिता एवं नवाचार को बढ़ावा देने में IN-Space के महत्त्व का उल्लेख कीजिये।
  • उचित निष्कर्ष लिखिये।

परिचय:

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) एक एकल-खिड़की, स्वतंत्र, नोडल एजेंसी है जो अंतरिक्ष विभाग (DOS) में एक स्वायत्त एजेंसी के रूप में कार्य करता है।

इन-स्पेस प्रमोचन रॉकेटों और उपग्रहों के निर्माण तथा अंतरिक्ष-आधारित सेवाएँ प्रदान करने सहित गैर-सरकारी संस्थाओं की विभिन्न अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देने, सक्षम करने एवं पर्यवेक्षण करने के साथ इसरो के नियंत्रणाधीन अंतरिक्ष अवसंरचना व परिसर साझा करने, नई अंतरिक्ष अवसंरचना और सुविधाओं की स्थापना करने लिये ज़िम्मेदार है।

मुख्य भाग:

IN-Space कई मायनों में अंतरिक्ष उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है:

  • निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाना: इन-स्पेस निजी कंपनियों को इसरो के साथ सहयोग करने के लिये एक संरचित ढाँचा प्रदान करता है, जिससे इन्हें इसरो की सुविधाओं, विशेषज्ञता तथा संसाधनों तक पहुँच मिलती है। यह उपग्रह निर्माण, प्रक्षेपण सेवाओं एवं अंतरिक्ष अन्वेषण सहित अंतरिक्ष-संबंधित गतिविधियों में निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी की सुविधा प्रदान करता है।
  • नवाचार को प्रोत्साहित करना: निजी कंपनियों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के विकास एवं व्यावसायीकरण के अवसर प्रदान करके, IN-Space भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के तहत नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देता है। यह अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों एवं समाधानों के विकास को प्रोत्साहित करता है, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण तथा अनुप्रयोगों में प्रगति होती है।
  • स्वदेशी विकास: IN-Space अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों, उपकरणों एवं प्रणालियों के स्वदेशी विकास को प्रोत्साहित करता है। शिक्षा जगत, उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर, IN-Space स्वदेशी क्षमताओं एवं विशेषज्ञता के विकास की सुविधा प्रदान करने के साथ विदेशी प्रौद्योगिकी पर निर्भरता को कम करता है जिससे अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता: उद्यमिता एवं नवाचार को बढ़ावा देने पर अकेंद्रित, IN-Space वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में भारत की प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ावा देता है। अंतरिक्ष कंपनियों के एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र के पोषण एवं तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देकर, IN-Space भारत को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष बाज़ार में एक प्रमुख भागीदार के रूप में स्थापित करता है, जिससे वैश्विक मंच पर सहयोग और साझेदारी के नए अवसर खुलते हैं।

निष्कर्ष:

IN-Space निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने, नवाचार को प्रोत्साहित करने, स्टार्ट-अप एवं MSMEs का समर्थन करने, स्वदेशी विकास को बढ़ावा देने तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ाकर अंतरिक्ष उद्यमिता एवं नवाचार को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।