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07 Mar 2024
सामान्य अध्ययन पेपर 3
विज्ञान-प्रौद्योगिकी
दिवस 94
Q2. लोक सुरक्षा बढ़ाने में साइबर-भौतिक प्रणालियों की भूमिका का परीक्षण कीजिये। (150 शब्द)
उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- साइबर-भौतिक प्रणाली (CPS) का संक्षिप्त परिचय लिखिये।
- लोक सुरक्षा बढ़ाने में साइबर-भौतिक प्रणालियों की भूमिका का उल्लेख कीजिये।
- तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
साइबर-भौतिक प्रणाली (CPS) कंप्यूटेशनल और भौतिक घटकों का एकीकरण है, जो नेटवर्क संचार के माध्यम से भौतिक प्रक्रियाओं की निगरानी एवं नियंत्रण करने के लिये गहराई से जुड़ा हुआ है। ये प्रणालियाँ आभासी और भौतिक दुनिया के बीच की खाई को पाटती हैं, जिससे कंप्यूटर सिस्टम एवं उनके द्वारा देखे जाने वाले भौतिक वातावरण के बीच निर्बाध संवाद संभव हो पाता है।
CPS विनिर्माण, परिवहन, स्वास्थ्य सेवा और स्मार्ट बुनियादी ढाँचे सहित विभिन्न डोमेन में एप्लिकेशन ढूँढ़ता है, जो हमारे परिवेश के साथ हमारी धारणा में क्रांतिकारी परिवर्तन लाता है।
मुख्य भाग:
साइबर-भौतिक प्रणाली (CPS) विभिन्न डोमेन में लोक सुरक्षा बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- स्मार्ट ग्रिड: CPS बढ़ी हुई विश्वसनीयता और सुरक्षा के लिये पॉवर ग्रिड के आधुनिकीकरण का अभिन्न अंग हैं। स्मार्ट ग्रिड सिस्टम विद्युत प्रवाह की निगरानी करने, विसंगतियों का पता लगाने और व्यवधानों का जवाब देने के लिये सेंसर, संचार नेटवर्क एवं नियंत्रण एल्गोरिदम को एकीकृत करते हैं।
- उदाहरण के लिये, विद्युत कटौती या साइबर हमले की स्थिति में CPS-सक्षम स्मार्ट ग्रिड प्रभावित क्षेत्रों को अलग कर सकते हैं, विद्युत मार्ग परिवर्तित कर सकते हैं और सेवा को तेज़ी से बहाल कर सकते हैं, व्यवधान को कम कर सकते हैं तथा लोक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
- यातायात प्रबंधन प्रणालियाँ: CPS-आधारित यातायात प्रबंधन प्रणालियाँ यातायात प्रवाह को अनुकूलित करती हैं और सड़क सुरक्षा बढ़ाती हैं। इन प्रणालियों में वाहन के आवागमन पर नज़र रखने, भीड़ का पता लगाने और चौराहों का प्रबंधन करने के लिये सेंसर, कैमरे एवं ट्रैफिक सिग्नल शामिल हैं।
- उदाहरण के लिये: बंगलुरु जैसे शहरों में लागू इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) वाहनों के आवागमन पर नजर रखने, भीड़ का पता लगाने और वास्तविक समय में चौराहों का प्रबंधन करने के लिये सेंसर, कैमरे एवं ट्रैफिक सिग्नल का एक नेटवर्क नियोजित करता है।
- आपातकालीन प्रतिक्रिया समन्वय: CPS संचार नेटवर्क, सेंसर और निर्णय समर्थन प्रणालियों को एकीकृत करके कुशल आपातकालीन प्रतिक्रिया समन्वय की सुविधा प्रदान करता है।
- उदाहरण के लिये: प्रारंभिक चेतावनी प्रसार प्रणाली (EWDS) भूकंप, बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिये समय पर अलर्ट देने तथा आपातकालीन प्रतिक्रियाओं का समन्वय करने के लिये संचार नेटवर्क, सेंसर एवं निर्णय समर्थन प्रणालियों को एकीकृत करती है। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सेंसर के नेटवर्क का उपयोग करके, यह भूकंपीय गतिविधि, जल स्तर और संभावित आपदाओं का संकेत देने वाले अन्य महत्त्वपूर्ण मापदंडों का पता लगाता है।
- स्मार्ट हेल्थकेयर सिस्टम: स्वास्थ्य देखभाल में CPS अनुप्रयोग रोगी की सुरक्षा और आपातकालीन चिकित्सा प्रतिक्रिया को बढ़ाते हैं। उदाहरण के लिये, CPS प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत स्वास्थ्य निगरानी उपकरण लगातार महत्त्वपूर्ण संकेतों को ट्रैक करते हैं और असामान्य रीडिंग के बारे में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को सूचित करते हैं, जिससे चिकित्सा आपात स्थिति के मामलों में शीघ्र हस्तक्षेप संभव हो पाता है।
- इसी तरह, CPS-सक्षम टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म दूरस्थ परामर्श और चिकित्सा निदान की सुविधा प्रदान करते हैं, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच में सुधार करते हैं तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ाते हैं।
- सीमा निगरानी प्रणालियाँ: CPS-आधारित सीमा निगरानी प्रणालियाँ अनधिकृत क्रॉसिंग और सुरक्षा खतरों के लिये सीमा क्षेत्रों की निगरानी एवं विश्लेषण करने के लिये सेंसर, ड्रोन तथा डेटा एनालिटिक्स को एकीकृत करके सीमा सुरक्षा को बढ़ाती हैं।
- उदाहरण के लिये, व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (CIBMS) को गुजरात राज्य में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात किया गया है। CIBMS अनधिकृत क्रॉसिंग, तस्करी गतिविधियों और सुरक्षा खतरों के लिये सीमा क्षेत्रों की निगरानी तथा विश्लेषण करने के लिये सेंसर, ड्रोन, थर्मल इमेजिंग कैमरे एवं डेटा एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर सहित विभिन्न CPS प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करता है।
निष्कर्ष:
साइबर-भौतिक प्रणालियाँ (CPS) विभिन्न क्षेत्रों में लोक सुरक्षा बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण हैं। उन्नत प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करके, CPS सक्रिय निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया और प्रभावी संसाधन आवंटन को सक्षम बनाता है, जिससे उभरते खतरों का सामना करने में लचीलापन सुनिश्चित होता है। बुनियादी ढाँचे के आधुनिकीकरण, आपातकालीन प्रतिक्रिया को अनुकूलित करने और सुरक्षा को मज़बूत करने में उनकी भूमिका सुरक्षित समाज बनाने में उनके अपरिहार्य योगदान को रेखांकित करती है। जैसे-जैसे CPS आगे बढ़ रहा है, समुदायों की सुरक्षा और जोखिमों को कम करने की इसकी क्षमता सर्वोपरि बनी हुई है।