प्रश्न 2. भारत एवं वैश्विक स्तर पर प्रमुख उद्योगों के महत्त्व को बताइये तथा आर्थिक वृद्धि और विकास में उनके प्रभाव पर प्रकाश डालिये। (250 शब्द)
24 Feb 2024 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | अर्थव्यवस्था
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- उद्योगों का परिचय देते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- भारत और विश्व स्तर पर प्रमुख उद्योगों के महत्त्व की चर्चा कीजिये।
- आर्थिक वृद्धि एवं विकास पर प्रमुख उद्योगों के प्रभाव पर प्रकाश डालिये।
- उचित निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
उद्योग सकल घरेलू उत्पाद, रोजगार सृजन और निर्यात में प्रमुख योगदान देकर भारत सहित विभिन्न देशों के आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वैश्विक उद्योग परिदृश्य विविध है, जिसमें विनिर्माण, सेवाएँ एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
मुख्य भाग:
उद्योगों का महत्त्व:
- विनिर्माण क्षेत्र:
- भारत में विनिर्माण क्षेत्र विविध है, जिसमें ऑटोमोबाइल, कपड़ा, रसायन और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योग शामिल हैं।
- यह औद्योगिक उत्पादन, निर्यात एवं तकनीकी उन्नति में योगदान देकर आर्थिक विकास का एक प्रमुख चालक रहा है।
- सूचना प्रौद्योगिकी (IT):
- IT क्षेत्र एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरा है, जिसमें भारत सॉफ्टवेयर सेवाओं, IT आउटसोर्सिंग तथा डिजिटल परिवर्तन में एक प्रमुख हितधारक है।
- इससे न केवल सकल घरेलू उत्पाद में योगदान मिला है बल्कि भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था में अग्रणी देश के रूप में भी स्थापित किया है।
- फार्मास्यूटिकल्स:
- भारत को 'विश्व की फार्मेसी' के रूप में जाना जाता है, इसका फार्मास्युटिकल उद्योग विभिन्न देशों को सस्ती दवाओं की आपूर्ति करता है।
- इस क्षेत्र से न केवल आर्थिक विकास को गति मिली है बल्कि इसने वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- ऑटोमोबाइल:
- GDP, निर्यात और रोज़गार में महत्त्वपूर्ण योगदान के साथ ऑटोमोबाइल उद्योग भारत के विनिर्माण क्षेत्र में प्रमुख योगदानकर्त्ता है।
- इसने विदेशी निवेश को भी आकर्षित किया है और इस क्षेत्र में तकनीकी प्रगति को सुविधाजनक बनाया है।
आर्थिक वृद्धि और विकास पर उद्योगों का प्रभाव:
- सकल घरेलू उत्पाद में योगदान:
- विनिर्माण और खनन जैसे उद्योग, भारत के सकल घरेलू उत्पाद में प्रमुख हिस्सेदारी रखते हैं, जो आर्थिक विकास को गति देने में उनके महत्त्व को दर्शाता है।
- उदाहरण के लिये वर्ष 2020-21 में विनिर्माण क्षेत्र ने भारत की GDP में लगभग 17% का योगदान दिया।
- उद्योग भारत की जीडीपी में प्रमुख योगदान देते हैं, जो अर्थव्यवस्था का लगभग 29% हिस्सा है।
- रोज़गार सृजन:
- उद्योग लाखों लोगों को आजीविका प्रदान करते हैं। वर्ष 2019-20 में अकेले विनिर्माण क्षेत्र से 29 मिलियन से अधिक लोगों को रोज़गार प्राप्त हुआ, जो रोज़गार सृजन एवं बेरोजगारी कम करने में इसकी भूमिका को दर्शाता है।
- विदेशी मुद्रा की प्राप्ति:
- कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स और IT सेवाओं जैसे उद्योग भारत की निर्यात आय में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं, जिससे व्यापार का अनुकूल संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
- उदाहरण के लिये वर्ष 2020-21 में भारत के कुल निर्यात में फार्मास्युटिकल क्षेत्र का योगदान लगभग 6.4% था।
- बुनियादी ढाँचे का विकास:
- उद्योगों से बुनियादी ढाँचे की मांग को बढ़ावा मिलता है जिससे सड़कों, बंदरगाहों एवं अन्य सुविधाओं का विकास होता है।
- औद्योगिक विकास से परिवहन एवं लॉजिस्टिक बुनियादी ढाँचे में सुधार होता है।
निष्कर्ष:
उद्योग भारत और वैश्विक स्तर पर आर्थिक वृद्धि एवं विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये सकल घरेलू उत्पाद, रोज़गार एवं नवाचार के प्रमुख चालक होने के साथ पर्यावरणीय प्रभाव तथा वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा से संबंधित चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करते हैं। विभिन्न देशों के लिये ऐसी नीतियाँ अपनाना आवश्यक है जिससे सतत् औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिले।