Sambhav-2024

दिवस 8

प्रश्न.2 मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल एक निकाय के रूप में अपनी संरचना और कार्यप्रणाली में किस प्रकार भिन्न हैं? (250 शब्द)

28 Nov 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • दोनों निकायों (मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल) तथा उनके प्रावधानों का परिचय देते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
  • मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद के बीच अंतर पर चर्चा कीजिये।
  • मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष लिखिये।

परिचय:

भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल दो महत्त्वपूर्ण निकाय हैं। हालाँकि कैबिनेट मंत्रिपरिषद का एक हिस्सा है, लेकिन यह संरचना एवं कार्यप्रणाली में भिन्न है। जबकि मंत्रिपरिषद का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 74 के तहत किया गया है, कैबिनेट का संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है।

मुख्य भाग:

मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद के बीच अंतर:

तुलना का आधार मंत्रिमंडल मंत्रिपरिषद
अर्थ मंत्रिमंडल परिषद के भीतर एक लघु निकाय है, जिसमें सरकारी नीतियों पर चर्चा करने और निर्णय लेने के लिये सबसे अनुभवी तथा प्रभावशाली सदस्य शामिल होते हैं। मंत्रिपरिषद एक ऐसी संस्था है जो राष्ट्रपति को विभिन्न मामलों पर सलाह देती है और सरकार चलाने में प्रधानमंत्री की सहायता करती है।
स्थिति पूर्व में एक संवैधानिक संस्था नहीं होने के कारण इसे 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 के माध्यम से संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ। संवैधानिक निकाय
आकार इसमें 15-18 मंत्री होते हैं। इसमें 40-60 मंत्री होते हैं।
विभाजन परिषद का उपभाग मंत्रिपरिषद को मंत्रिमंडल सहित चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
नीति निर्माण मंत्रिमंडल द्वारा किया गया परिषद द्वारा नहीं किया गया
निर्णय नीतिगत निर्णय लेता है और कार्यान्वयन की निगरानी करता है। कैबिनेट द्वारा लिये गए निर्णयों को लागू करना।
ज़िम्मेदारी निचले सदन में परिषद की सामूहिक ज़िम्मेदारी लागू करता है। संसद के निचले सदन के प्रति सामूहिक रूप से ज़िम्मेदार।
शक्ति परिषद की ओर से शक्तियों का प्रयोग और कार्य करता है। सभी शक्तियाँ निहित हैं, लेकिन सिद्धांत रूप में।

निष्कर्ष:

मंत्रिपरिषद सभी मंत्रियों को शामिल करने वाला एक व्यापक निकाय है, जबकि मंत्रिमंडल अधिक निर्णय लेने के अधिकार वाला एक विशिष्ट समूह है। मंत्रिमंडल सरकारी नीतियों को आकार देने और लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जबकि मंत्रिपरिषद मंत्रियों के बीच व्यापक चर्चा और समन्वय के लिये एक मंच प्रदान करती है।