Q2. हाल के समय में भारत के FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) परिदृश्य में हुए महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों का विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)
17 Feb 2024 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | अर्थव्यवस्था
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- उत्तर की शुरुआत परिचय के साथ कीजिये, जो प्रश्न के लिये संदर्भ निर्धारित करता है।
- हाल के दिनों में भारत के FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) परिदृश्य में हुए महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों का वर्णन कीजिये।
- तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) एक देश में किसी फर्म या व्यक्ति द्वारा दूसरे देश में स्थित व्यावसायिक हितों में किया गया निवेश है। FDI एक निवेशक को किसी बाह्य देश में प्रत्यक्ष व्यावसायिक हितों की सुविधा प्रदान करता है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) भारत की आर्थिक वृद्धि के लिये एक महत्त्वपूर्ण उत्प्रेरक के रूप में स्थिर है, जो देश के विकासात्मक प्रयासों के लिये एक महत्त्वपूर्ण गैर-ऋण वित्तीय कोष का निर्माण करता है।
मुख्य भाग:
भारत के FDI परिदृश्य में कुछ महत्त्वपूर्ण बदलाव:
- FDI नीति का उदारीकरण:
- भारत ने अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों में अपनी FDI नीति का उदारीकरण किया है।
- कई क्षेत्रों में FDI अनुमोदन के लिये स्वचालित मार्गों की शुरूआत, रक्षा, बीमा और खुदरा जैसे प्रमुख उद्योगों में FDI सीमा बढ़ाने तथा अनुमोदन प्रक्रियाओं के सरलीकरण जैसे सुधारों ने अधिक निवेशक-अनुकूल वातावरण में योगदान दिया है।
- भारत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 70.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर का FDI प्रवाह आकर्षित किया है।
- रणनीतिक निवेश आकर्षित करने पर ध्यान देना:
- विनिर्माण, बुनियादी ढाँचे, प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में रणनीतिक निवेश आकर्षित करने के लिये एक मज़बूत प्रयास किया गया है।
- ई-कॉमर्स के बढ़ने और कुशल लॉज़िस्टिक्स सेवाओं की बढ़ती मांग के कारण लॉज़िस्टिक्स, वेयरहाउसिंग तथा आपूर्ति शृंखला बुनियादी ढाँचे में निवेश को भी प्रमुखता मिली है।
- वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उच्चतम FDI इक्विटी प्रवाह प्राप्त करने वाले शीर्ष 5 क्षेत्र सेवा क्षेत्र (16%), कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (15%), ट्रेडिंग (6%), दूरसंचार (6%) एवं ऑटोमोबाइल उद्योग (5%) हैं।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था के निवेश में वृद्धि:
- ई-कॉमर्स, डिजिटल भुगतान, प्रौद्योगिकी स्टार्टअप और IT सेवाओं जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ा है, जो इंटरनेट की बढ़ती पहुँच, स्मार्टफोन के उपयोग में वृद्धि एवं बड़ी तथा युवा आबादी के बीच डिजिटल सेवाओं की बढ़ती मांग जैसे कारकों से प्रेरित है।
- FDI स्रोतों में बदलाव:
- संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे FDI के पारंपरिक स्रोत महत्त्वपूर्ण बने हुए हैं, जापान, सिंगापुर तथा संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे देशों से निवेश का बढ़ना एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन है।
- मॉरीशस (26%), सिंगापुर (23%), USA (9%), नीदरलैंड (7%) और जापान (6%) जैसे देश वित्त वर्ष 2022-23 में भारत में FDI इक्विटी प्रवाह के लिये शीर्ष 5 देशों के रूप में उभरे हैं।
- FDI क्षेत्र में चुनौतियाँ:
- व्यवसाय करने में आसानी: हाल के वर्षों में सुधारों के बावजूद, भारत को अभी भी व्यवसाय करने में आसानी से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें नौकरशाही अक्षमताएँ, वैधानिक विलंब और भ्रष्टाचार शामिल हैं।
- नियामक अनिश्चितता: सुधारों और FDI को आकर्षित करने के प्रयासों के बावजूद, भारत को नियामक अनिश्चितता, नौकरशाही बाधाओं, जटिल कर कानूनों तथा नीति कार्यान्वयन में विसंगतियों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
निष्कर्ष:
हाल के वर्षों में भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) परिदृश्य में कई महत्त्वपूर्ण परिवर्तन देखे गए हैं, जो नीतिगत सुधारों, भू-राजनीतिक गतिशीलता और उभरते वैश्विक आर्थिक रुझानों सहित विभिन्न कारकों से प्रेरित हैं। हालाँकि देश ने विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी निवेश को आकर्षित करने में प्रगति की है, नियामक चुनौतियों का समाधान करना एवं एक अनुकूल व्यावसायिक माहौल प्रदान करना लंबे समय तक FDI प्रवाह को बनाए रखने तथा बढ़ाने के लिये महत्त्वपूर्ण होगा।