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Sambhav-2024

  • 10 Feb 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    दिवस 72

    Q2.भारत में पेट्रोलियम संसाधनों का विवरण दीजिये। देश में रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार की बढ़ती मांग पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • उत्तर की शुरुआत परिचय के साथ कीजिये, जो प्रश्न के लिये एक संदर्भ निर्धारित करता है।
    • भारत में पेट्रोलियम संसाधनों के वितरण का वर्णन कीजिये।
    • देश में रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार की बढ़ती मांग की व्याख्या कीजिये।
    • तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    भारत के लिये ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में पेट्रोलियम भंडार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पेट्रोलियम भंडार विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों को समर्थन देकर भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। भारत के पेट्रोलियम भंडार तटीय एवं अपतटीय दोनों तरह के विभिन्न अवसादी बेसिनों में वितरित किये जाते हैं।

    मुख्य भाग:

    भारत में प्रमुख क्षेत्र जहाँ पेट्रोलियम भंडार पाए जाते हैं:

    • असम-अराकान बेसिन: पूर्वोत्तर भारत और म्याँमार के कुछ हिस्सों तक विस्तृत, असम-अराकान बेसिन भारत के सबसे पुराने पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्रों में से है। इसमें असम में डिगबोई और नाहरकटिया क्षेत्र जैसे तटवर्ती तेल एवं गैस क्षेत्र शामिल हैं।
    • मुंबई अपतटीय बेसिन: भारत के पश्चिमी तट पर स्थित, मुंबई अपतटीय बेसिन देश के सबसे प्रचुर पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्रों में से एक है।
    • कृष्णा-गोदावरी बेसिन: भारत के पूर्वी तट पर स्थित, कृष्णा-गोदावरी बेसिन अपने महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक गैस भंडार के लिये जाना जाता है।
    • कैम्बे बेसिन: भारत के पश्चिमी भाग में स्थित कैम्बे बेसिन अपने तेल और गैस भंडार के लिये जाना जाता है। अंकलेश्वर एवं कलोल क्षेत्र भारत के सबसे पुराने तेल उत्पादक क्षेत्रों में से हैं।
    • राजस्थान बेसिन: उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित, राजस्थान बेसिन अपने तटवर्ती तेल भंडार के लिये जाना जाता है। राजस्थान बेसिन में बाड़मेर बेसिन, मंगला, भाग्यम और ऐश्वर्या जैसे क्षेत्र स्थित हैं।
    • संभावित पेट्रोलियम भंडार: भारत में संभावित पेट्रोलियम भंडार वाले कई अन्य अवसादी बेसिन हैं, जिनमें कावेरी बेसिन, गुजरात बेसिन, सौराष्ट्र बेसिन और गंगा बेसिन शामिल हैं।
    • रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (SPR) कच्चे तेल के भंडार हैं, जिन्हें भू-राजनीतिक अनिश्चितता या आपूर्ति व्यवधान के समय भी कच्चे तेल की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने वाले देशों द्वारा बनाए रखा जाता है। ये भूमिगत भंडारण सुविधाएँ देश की वृद्धि और विकास के लिये ऊर्जा संसाधनों के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    भारत में रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (SPR) की बढ़ती मांग का कारण:

    • ऊर्जा सुरक्षा: रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (SPR) भू-राजनीतिक तनाव, प्राकृतिक आपदाओं या अन्य आपात स्थितियों के कारण आपूर्ति में व्यवधान के दौरान कच्चे तेल की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
    • मूल्य अस्थिरता शमन: SPR की स्थापना से भारत को कीमतें कम होने पर कच्चे तेल की खरीद और भंडारण करके तथा उच्च कीमतों की अवधि के दौरान इसे जारी करके मूल्य अस्थिरता के विरुद्ध बफर करने की अनुमति मिलती है।
    • रणनीतिक कूटनीति: रणनीतिक भंडार के माध्यम से ऊर्जा आपूर्ति जोखिमों को प्रबंधित करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करके, भारत ऊर्जा व्यापार समझौतों में अनुकूल शर्तों के साथ संवाद कर सकता है और तेल उत्पादक देशों के साथ राजनयिक संबंधों को मज़बूत कर सकता है।
    • बुनियादी ढाँचे का विकास: भंडारण सुविधाओं तथा संबंधित बुनियादी ढाँचे सहित SPR बुनियादी ढाँचे की स्थापना, न केवल रणनीतिक भंडार के भंडारण का समर्थन करती है, बल्कि कच्चे तेल के परिवहन और वितरण के लिये लॉजिस्टिक क्षमताओं को भी बढ़ाती है, जिससे संपूर्ण ऊर्जा क्षेत्र को लाभ होता है।
    • भारत में वर्तमान SPR अवसंरचना और क्षमता: भारत में कच्चे तेल की भूमिगत SPR सुविधाओं की संयुक्त क्षमता 5.33 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) है। ये भंडारण स्थल रणनीतिक रूप से दो राज्यों में स्थित हैं:
      • विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश - 1.33 MMT क्षमता
      • मंगलुरु, कर्नाटक - 1.5 MMT क्षमता
      • पादुर, कर्नाटक - 2.5 MMT क्षमता
    • विस्तृत योजनाएँ और वाणिज्यिक-सह-रणनीतिक सुविधाएँ: हाल ही में भारत सरकार ने दो अतिरिक्त वाणिज्यिक-सह-रणनीतिक SPR सुविधाओं की स्थापना के लिये मंज़ूरी प्रदान की है।
      • चंडीखोल, ओडिशा - 4 MMT क्षमता
      • पादुर, कर्नाटक - 2.5 MMT क्षमता (विस्तार)
      • कुल 6.5 MMT भंडारण क्षमता वाली ये सुविधाएँ सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मोड के तहत संचालित होंगी।

    निष्कर्ष:

    जैसे-जैसे भारत अपने ऊर्जा बुनियादी ढाँचे का विस्तार कर रहा है और वैश्विक ऊर्जा बाज़ार में अपनी स्थिति को मज़बूत कर रहा है, पेट्रोलियम भंडार देश के ऊर्जा हितों की सुरक्षा एवं तेज़ी से सतत् आर्थिक विकास सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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